दरअसल, महाराष्ट्र ( Maharashtra ) के ठाणे जिल में कंजरभाट समुदाय के एक परिवार ने इस प्रथा का विरोध और सामाजिक बहिष्कार किया। इसके बाद ये मामला पुलिस में पहुंच गया। जहां पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत लिखी और अंबरनाथ कस्बे के 4 लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र जन सामाजिक बहिष्कार निषिद्ध अधिनियम के तहत मामले को दर्ज कर लिया। शिकायत करने वाले विवेक तामचीकर ने पुलिस को जानकारी दी कि उनके समुदाय की जाति पंचायत ने बीते एक साल से उनके परिवार का बहिष्कार कर दिया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये महज इसलिए किया गया कि उन्होंने समाज की इस प्रथा का विरोध किया था।
विवेक के मुताबिक, हाल ही में उनकी दादी का निधन हुआ तो पंचायत के कथित निर्देशों के कारण अंतिम संस्कार में उनके समाज का कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ। विवेक का ये भी आरोप है कि पंचायत ने समुदाय के सभी लोगों को ये निर्देश दिए हैं कि वो उनके परिवार के साथ किसी भी तरह का कोई संबंध न रखें। गौरतलब, है कि महाराष्ट्र सरकार ( Maharashtra government ) ने इसी साल फरवरी में कहा था कि वो जल्द ही इस वर्जिनिटी टेस्ट कराने वाले कानून के लिए बाध्य करने को दंडनीय अपराध बनाने जा रही है। जहां एक तरफ हमारा समाज एक नए दौर की तरफ बढ़ रहा है, तो वहीं इस तरह की प्रथा हमारे समाज को पीछे की तरफ खींच रही है।