दुनियाभर में इसकी 1500 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। जेलीफिश डायनासोर के काल से ही धरती पर मौजूद हैं। इस मछली के शरीर में 95 फीसदी तक पानी होता है इसलिए ये ट्रांसपैरेंट दिखाई देती है। जेलीफिश दिखने में तो बहुत खूबसूरत लगती हैं, लेकिन अगर उनकी मूंछें किसी इंसान की त्वचा से छू जाएं तो शरीर में तुरंत जहर फैलने लगता है।
जेलीफिश को कभी न मरने वाला जीव कहा जाता है, क्योंकि इसके अंदर ऐसी खासियत होती है कि इसको अगर दो भागों में भी काट दिया जाए तो यह मरती नहीं है, बल्कि उन दोनों भागों से अलग-अलग जेलीफिश का जन्म होता है। जेलीफिश की लंबाई औसतन छह फीट तक होती है और इसका वजन 200 किलोग्राम तक होता है।