अजब गजब

इस मंदिर में आज भी बसते हैं भगवान शिव, पत्थरों को छूते ही आती है डमरू की आवाज

Jatoli Shiv Temple : हिमाचल की गोद में स्थित है भगवान भोलेनाथ का ये खूबसूरत मंदिर
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक वक्त भगवान शिव ने कुछ समय के लिए यहां वास किया था

Jan 02, 2021 / 10:46 pm

Soma Roy

Jatoli Shiv Temple

नई दिल्ली। देश में भगवान शिव के कई ऐसे चमत्कारिक धाम हैं जहां आज भी भगवान बसते हैं। इन्हीं चमत्कारिक जगहों में से एक है जटोली शिव मंदिर। हिमाचल की गोद में स्थित भोलेनाथ का ये विशाल मंदिर एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। ये शिव धाम देखने में जितना खूबसूरत है यहां की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है। कहा जाता है कि मंदिर के पत्थरों को छूने एवं थपथपाने से डमरू की आवाज सुनाई देती है।
भक्त इस घटना को चमत्कारिक मानते हैं। उनका कहना है कि ये भगवान शिव की मौजूदगी को दर्शाता है। यही वजह है कि भोलेनाथ के इस दर पर आने से कभी कोई खाली हाथ नहीं लौटता। उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह मंदिर देवभूमि के नाम से मशहूर है। यह हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित है। मंदिर की ऊंचाई लगभग 111 फुट है और यह दक्षिण-द्रविड़ शैली में बना हुआ है। मंदिर की खूबसूरती और कलात्मकता को देख हर कोई आश्चर्यचकित रह जाता है।
बताया जाता है कि पौराणिक काल में भगवान शिव इस जगह आए थे और कुछ समय के लिए उन्होंने इसे अपना निवास स्थान बनाया था। बाद में 1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के एक बाबा यहां आए और जटोली शिव मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराने का निर्णय लिया। साल 1974 में उन्होंने इस मंदिर की नींव रखी थी। हालांकि, साल 1983 में उन्होंने समाधि ले ली, लेकिन मंदिर का निर्माण कार्य रूका। मंदिर कमेटी ने उनके इस अधूरे सपने को पूरा किया। यहां दूर—दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मन्नतों के पूरा होने की अर्जी लगाते हैं।

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