अजब गजब

भारत की ऐसी रसोई जहां कभी खत्म नहीं होता खाना, एक खाए या हजार

यहां एक और खास बात यह है कि इस महाप्रसाद को चाहें 10 हजार लोग खाए या 10 लाख, यह न तो कभी कम पड़ती है और न ही कभी ज्यादा।

Jun 28, 2018 / 02:32 pm

Arijita Sen

भारत की ऐसी रसोई जहां कभी खत्म नहीं होता खाना, एक खाए या हजार

नई दिल्ली। उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर एक बहुत ही जनप्रिय तीर्थस्थल है। यहां की यात्रा का अपना अलग ही महत्व है। पुरी में जगन्नाथ मंदिर की रसोई विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां हर रोज भगवान को चढ़ाने के लिए महाप्रसाद का निर्माण किया जाता है। इस महाप्रसाद को तैयार करने के लिए 500 रसोईयों और उनके 300 सहयोगियों की मदद से तैयार किया जाता है।

मंदिर के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित इस रसोई को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस रसोई में महाप्रसाद का निर्माण माता लक्ष्मी की देख-रेख में होता है। यहां बनाए जाने वाले 56 व्यंजनों का निर्माण धार्मिक पुस्तकों के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही पकाया जाता है। यह भोजन पूरी तरह से शाकाहारी होता है, इसमें प्याज, लहसून का प्रयोग बिल्कुल नहीं किया जाता है।

Puri Jagannath temple

यहां दूसरी सबसे खास बात यह है कि इस भोग को मिट्टी के बर्तनों में बनाया जाता है। इन्हें पकाने के लिए सात मिट्टी के बर्तनों को एक के ऊपर एक रखा जाता है और इन्हें लकड़ी के चूल्हें में पकाया जाता है। सबसे खास बात यह है कि सबसे ऊपर रखे बर्तन का खाना पहले और सबसे नीचे रखे बर्तन का खाना बाद में पकता है।

Puri Jagannath temple

यहां खाने पकाने के लिए आज भी पारंपरिक शैली का ही प्रयोग किया जाता है। यहां रसोई के पास दो कुएं है जिन्हें गंगा-यमुना के नाम से जाना जाता है। भोजन को बनाने के लिए इन दो कुएं से पानी निकालकर उनसे ही खाना बनाया जाता है।

Puri Jagannath temple

यहां हर रोज पूरे साल यही प्रक्रिया चलती रहती है। यहां एक और खास बात यह है कि इस महाप्रसाद को चाहें 10 हजार लोग खाए या 10 लाख, यह न तो कभी कम पड़ती है और न ही कभी ज्यादा। इसका एक भी दाना व्यर्थ नहीं जाता है। यहां हर रोज महाप्रसाद लेने के लिए लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहता है।

 

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