झील के पानी को भी रहस्यमयी माना गया है। झील पूरी तरह से साफ होने के बावजूद इसे पीने की कोई हिम्मत नहीं करता है। कहते हैं कि इसका पानी पीने वाला शख्स जिंदा नहीं बचता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक बहुत साल पहले यहां से गुजर रहे एक कोढ़ी ने यहां रहने वाले लोगों से मदद मांगी थी। मगर उन्होंने उसेखाना खिलाने और आश्रय देने से मना कर दिया था। जिसके बाद वह उन लोगों को श्राप देकर झील में घुस गया और गायब हो गया। उसका शव आज तक किसी को नहीं मिला। इतना ही कहते हैं कि यहां आते ही लोग रास्ता भी भटक जाते हैं। साल 1946 में झील के पानी की सच्चाई का पता लगाने के एंडी लेविन नाम का एक शख्स आया था। उसने झील से पानी और कुछ पौधे लिए और वापस चलने लगा। तभी वह रास्ता भटक गया। ऐसा उसके साथ कई बार हुआ। बाद में उसने पानी और पौधें फेंक दिए तब जाकर उसे सही रास्ता दिखाई दिया। हालांकि एक हफ्ते बाद ही उसकी मौत हो गई। इस घटना से स्थानीय लोग झील को श्रापित मानने लगे।
कहा जाता है कि झील के अंदर से सुबह-सुबह ड्रम बजाने की आवाजें, जानवरों और लोगों की चीखें सुनाई देती हैं। झील का निर्माण भूस्खलन के कारण मुटाली नदी का बहाव रुक जाने से हुआ था। झील का पानी बिल्कुल साफ है इसके बावजूद इसे पीते ही लोगों की मौत हो जाती है। स्थानीय लोगों के अनुसार झील की रक्षा पहाड़ों पर रहने वाला एक विशाल अजगर करता है। लोगों पर कोई विपदा न आए इसलिए अजगर को प्रसन्न करने के लिए हर साल वेंदा आदिवासी एक नृत्य उत्सव का आयोजन करते हैं, जिसमें कुंवारी लड़कियां नृत्य करती हैं।