सहारनपुर में नकुड़ क्षेत्र के ग्राम चतरसाली निवासी रामकुमार जो कि 31 साल के हैं ने सहारनपुर में जगह-जगह किडनी बिकाऊ है के पोस्टर लगवा दिए। रामकुमार स्नातक की पढ़ाई कर चुके हैं, लेकिन वो खेती कर रहे है। उनका कहना है कि उन्होंने साल 2007 में हरियाणा सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंडरी एंड डेयरिंग संस्थान से डेयरी फार्मिंग का कोर्स किया। 5 साल पूर्व उत्तर प्रदेश की सपा सरकार की योजना के तहत डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण लिया। उसके बाद साल 2018 में कृषि विज्ञान केंद्र सहारनपुर के कृषि वैज्ञानिक के कहने पर एक बार फिर कोर्स किया। उसे बताया गया था कि डेयरी फार्मिंग का कार्य शुरू कर सकता है, जिसके लिए आसानी से बैंक से कर्ज मिल जाएगा।
ऐसे में रामकुमार ने बैंकों में लोन के लिए आवेदन किया। बैंक से ऋण मिलने की उम्मीद में उसने कई लोगों से कर्ज लेकर डेयरी फार्मिंग का पूरा सेटअप तैयार कर लिया। इसके लिए उसने 5 पशु भी खरीद लिए, जिससे बैंक के अधिकारी मौके का सर्वे कर उसके काम को देख सकें। ये सारा कुछ करने में रामकुमार पर लगभग 10 लाख रुपये का कर्ज हो गया, लेकिन बैंकों ने उसे लोन देने से ही इंकार कर दिया। रामकुमार के मुताबिक, वो नवंबर 2018 से अब तक फाइल लेकर बैंक अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, जिला उद्योग केंद्र सभी के चक्कर लगा चुका है। साथ ही उसने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ऑनलाइन पोर्टल पर भी शिकायत की है, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला है।
ऐसे में रामकुमार से वो लोग पैसे मांगने लगे जिनसे उन्होंने उधार लिया था। वहीं रामकुमार कोई रास्ता नहीं दिखा तो उन्होंने किडनी बिकाऊ है के पोस्टर कलक्ट्रेट, कचहरी, विकास भवन, जिला उद्योग केंद्र, ग्रामोद्योग केंद्र, नगर निगम, स्टेडियम समेत सभी सरकारी कार्यालयों एवं सार्वजनिक स्थानों के आसपास लगा दिए हैं। जिससे अधिकारियों की नजर पोस्टर पर पड़े और उसकी मदद करें। रामकुमार का कहना है कि अभी तक किसी अधिकारी ने उससे संपर्क नहीं किया है। रामकुमार के मुताबिक, पोस्टर लगाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर किडनी खरीदने के लिए उसके पास देश के सभी राज्यों से फोन कॉल आ रहीं हैं। इसके अलावा दुबई, सऊदी अरब से भी कॉल आ रहीं हैं। खरीदार एक करोड़ रुपये तक देने को तैयार हैं। अभी उम्मीद है कि बैंक से लोन मिल जाएगा, नहीं मिला तो वह किडनी बेच देगा।