इन दिनों यूपी के बस्ती और सुलतानपुर जिले के शहरी क्षेत्रों में त्यौहार अपने पूरे शबाब पर है। दरअसल पूरे देशभर में दशहरे के दिन ही दुर्गा पूजा का समापन हो जाता है और मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है लेकिन यूपी के दो जिले सुलतानपुर और बस्ती में मूर्तियों को दशहरे के पांच दिन बाद पूर्णिमा के दिन विसर्जित किया जाता है। खास बात यह है कि ये परंपरा इन जिलों में पिछले कई सालों से चली आ रही है।
इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि मां दुर्गा की प्रतिमा को पूर्णमासी के दिन विसर्जन करने की परंपरा सालों से चली आ रही है। हालांकि इसके पीछे कोई धार्मिक मान्यता होने की प्रमाणिकता तो नहींं है, लेकिन माना जाता है कि इस परंपरा की शुरूआत सुलतानपुर से हुई, जो धीरे-धीरे बस्ती जिले में भी फैल गई। ऐसे में अब 24 अक्टूबर यानी पूर्णमासी तक बस्ती और सुलतानपुर में मां दुर्गा का पूजा पाठ और भव्य मेले का माहौल रहेगा।
खास बात यह है कि पूर्णमासी के नजदीक आने के साथ-साथ श्रद्धालुओं का जोश और बढ़ रहा है। वहीं पूर्णमासी को विसर्जन होने के कारण अभी कुछ पंडालों की सजावट भी चल रही हैं। इसके साथ ही इस अनोखी परंपरा के चलते लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतेजाम किये हैं। खासतौर पर अमृतसर में हुई घटना के बाद प्रशासन सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहता है।