वैज्ञानिकों ने खोजा दुनिया का सबसे प्राचीन जंगल, मिले 3860 लाख साल पुराने जीवाश्म परिजनों के मुताबिक नागरकुरनूल जिले के नादिमपल्ली गांव के 23 वर्षीय स्वाति गर्भवती थी। उसे 18 दिसंबर को अछमपेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां डॉक्टर उसकी नॉर्मल डिलीवरी (normal delhivery) करने वाले थे। मगर आखरी वक्त में उन्होंने महिला को हैदराबाद के पेटलाबुर्ज मैटरनिटी अस्पताल में रेफर कर दिया।
महिला ने बताया कि उसे अछमपेट अस्पताल में एक इंजेक्शन लगाया गया था। उसकी नॉर्मल डिलीवरी नहीं कराई गई। मगर हालत बिगड़ने पर उसे वहां से रेफर किया गया था। बाद में पेटलाबुर्ज अस्पताल के डॉक्टरों ने दोबारा सर्जरी करके बच्चे का धड़ महिला के पेट से बाहर निकाला। मासूम की जान जाने के विरोध में महिला एवं उसके घरवालों ने अस्पताल में हंगामा किया। साथ ही आलाधिकारियों से शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है।