जब भी कोई चांद पर किए गए किसी मिशन का जिक्र होता है तो सबसे पहले हर किसी के दिमाग में अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग का नाम जहन में आता है। अपोलो 11 के मिशन पर गए नील आर्मस्ट्रॉन्ग, माइकल कॉलिन्स और बज एल्ड्रिन ने 20 जुलाई, 1969 को चांद की सतह पर लैंडिंग की थी।
अपोलो 11 मिशन पर गए नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने अपना पहला कदम बाहर निकाला और इसी के साथ वह चांद पर पहुंचने वाले दुनिया के पहले इंसान बन गए। नील आर्मस्ट्रॉन्ग के बाद बज रखने एल्ड्रिन ने भी चांद पर अपना कदम रखा। भले ही बज एल्ड्रिन ने चांद पर सबसे पहले कदम रखने का रिकॉर्ड नहीं बनाया, लेकिन वह पहले ऐसे इंसान बन गए, जिसने चांद पर पेशाब किया।
घबरा गए थे एल्ड्रिन
बता दें कि एल्ड्रिन ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया था। दरअसल, जब वह अपोलो 11 लैंडर की सीढ़ी से उतरने की कोशिश कर रहे थे, उसी वक्त उनके स्पेस सूट में रखे एक खास बैग से पेशाब निकलकर चांद पर फैल गया। जिससे वह थोड़ी देर के लिए घबरा गए थे। दुर्भाग्य से एल्ड्रिन ने ल्यूनर मॉड्यूल की बहुत धीरे से लैंडिंग की जिससे मॉड्यूल जरूरत के हिसाब से सिकुड़ नहीं सका। नतीजा यह हुआ कि ल्यूनर मॉड्यूल से चांद की सतह तक जो एक छोटा कदम होता, वह एक छलांग में बदल गया।
लैंडिंग के बाद इस झटके की वजह से एल्ड्रिन ने जो यूरीन इकठ्ठा करके एक डिवाइस में रखी थी, वह टूट गई और यूरीन उनके एक बूट्स पर गिर गया। जब एल्ड्रिन चांद की सतह पर चले तो ये वहां भी फैलता गया। ऐसे एल्ड्रिन चांद पर सबसे पहले सु—सु करने वाले शख्स बने।