अपने नियमों में बदलाव लाने के बाद जारवा जनजाति ने अपने जीने के तरीकों में कुछ नए नियम जोड़े हैं। आम लोगों के प्रति ये नम्र तो हो गए हैं लेकिन ये अपने जनजाति में किसी का भी दखल बर्दाश्त नहीं करते हैं। इस जनजाति के नियमों के अनुसार, अगर इस समुदाय में परंपरा के अनुसार यदि बच्चे की मां विधवा हो जाए या उसका पिता किसी दूसरे समुदाय का हो तो बच्चे को मार दिया जाता है। बच्चे का रंग थोड़ा भी गोरा हो तो कोई भी उसके पिता को दूसरे समुदाय का मानकर उसकी हत्या कर देता है और समुदाय में इसके लिए कोई दंड नहीं है। इस जनजाति के लोग इस परंपरा को सदियों से मानते आ रहें हैं। खास बात ये हैं कि इस जनजाति में पैदा हुए हर बच्चे को सभी महिलाएं अपना दूध पिलाती हैं।