अजब गजब

भीषण गर्मी में भी यहां लोग कंबल ओढकर सोने को हैं मजबूर, जानें इसकी सच्चाई

200 साल पुराना है इस गांव का इतिहास
यहां जमीन के अंदर करीब 10 हजार ऐसे घर हैं
अब इन घरों को आकर्षक बनाकर पर्यटकों को उपलब्ध कराया जा रहा है

Apr 05, 2019 / 11:31 am

Arijita Sen

भीषण गर्मी में भी यहां लोग कंबल ओढकर सोने को हैं मजबूर, जानें इसकी सच्चाई

नई दिल्ली। अप्रैल का महीना अभी शुरू ही हुआ है कि गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। हालांकि आज हम आपको जिस गांव के बारे में बताने जा रहे हैं वहां भीषण गर्मी में भी लोग बिना एसी या कूलर के आराम से रहते हैं। हम यहां जिस गांव की बात कर रहे हैं वह चाइना के हेनान प्रदेश के सानमेनशिया इलाके में स्थित है।
 

200 साल पुराने इस प्राचीन गांव में लोग जमीन के अंदर घर बनाकर रहते हैं। इन घरों को स्थानीय भाषा में ‘इयायोडंग’ कहते हैं। सर्दियों में इन घरों का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस और गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा 20 डिग्री सेल्सियस रहता है। यानि कि गर्मियां इन कमरों में आराम से कट जाती है।
 

Cave room
प्राचीन इस गांव के बारे में ऐसा कहा जाता है कि किसी जमाने में यहां करीब 20 हजार लोग रहते थे, लेकिन आधुनिक सुविधाओं के अभाव में लोगों को यह स्थान छोड़ना पड़ा। हालांकि अभी भी यहां लगभग 3 हजार लोग रह रहे हैं।
 

Yaodong cave
यहां ऐसे 10 हजार घर हैं जिनका निर्माण जमीन से करीब 22-23 फुट नीचे गहराई में किया गया है। इस वजह से भूकंप में भी इन घरों का कुछ नहीं बिगड़ सकता। साल 2011 से स्थानीय प्रशासन की ओर से इस गांव को संरक्षण प्रदान किया गया। अब तो यहां बिजली सहित और भी कई सुविधाएं हैं।
 

Yaodong cave

अब तो पर्यटन की दुष्टि से भी इनका उपयोग किया जा रहा है। पर्यटक चाहे तो अब इन कमरों को आकर रह भी सकते हैं। यहां रहने के लिए एक महीने का किराया 21 यूरो है यानि कि इंडियन करेंसी के हिसाब से 1621 रुपये और अगर कोई इसे खरीदने की चाह रखता है तो उसे 32 हजार यूरो यानि कि करीब 25 लाख रुपये की कीमत चुकानी पड़ेगी।

 

Yaodong

दूर-दराज से आने वाले टूरिस्ट 33-39 फुट की लंबाई वाले इन कमरों में प्रचंड गर्मी में भी कंबल ओढकर सो सकते हैं।

ये भी पढ़ें: बच्चों की ऐसी त्वचा से लड़कियां कर रही हैं फेशियल, कीमत है 46,000 रुपये, सच्चाई जान पैरों तले खिसक जाएगी जमीन

Hindi News / Ajab Gajab / भीषण गर्मी में भी यहां लोग कंबल ओढकर सोने को हैं मजबूर, जानें इसकी सच्चाई

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.