अमरनाथ गुफा
सबसे पहले बात करते हैं अमरनाथ गुफा की जहां भगवान शिव बाबा बर्फानी के रूप में विराजमान हैं। यह सबसे रहस्यमय गुफाओं में से हैं। हर साल यहां बर्फ के आकार में शिवलिंग बनती है। मान्यता है कि इस गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर होने की कथा सुनाई थी। गुफा की सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि यहां बना शिवलिंग ठोस बर्फ से बना है जबकि नीचे फैली बर्फ बहुत नरम होती है।
शिवखोड़ी
जम्मू के रयासी जिले में स्थित शिवखोड़ी भगवान शिव की 150 मीटर लंबी गुफा है। जिसके बारे में मान्यता है कि यहां भगवान शिव साक्षात अपने पूरे परिवार माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय के साथ विराजमान हैं। मान्यता है कि शिवखोड़ी के दूसरे छोर पर अमरनाथ की गुफा है। इस गुफा की लंबाई 150 मीटर है। शिवखोड़ी के बारे में भी कहा जाता है कि इस गुफा में भगवान शिव के दर्शन करने के बाद जो भी व्यक्ति आगे जाता है वह कभी लौटकर नहीं आता है।
पाताल भुवनेश्वर गुफा
पाताल भुवनेश्वर गुफा की खोज कलियुग में सबसे पहले आदि शंकराचार्य ने आठवीं सदी में की थी। इस गुफा में नागों के राजा के अवशेष मिले थे। यहां भगवान शिव के साथ अन्य सभी देवी-देवताओं के दर्शन करने से सौभाग्य प्राप्त होता है। इस गुफा में आपको भगवान शिव के साथ-साथ चारों धामों के दर्शन हो जाएंगे।
तुलार गुफा
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में मौजूद तुलार गुफा भगवान शिव की बड़ी ऐतिहासिक गुफा है। यह गुफा तीन जिलों की सरहद पर अबूझमाड़ में स्थित है। जिसे लेकर मान्यता है कि यहां भगवान शिव की वर्षों पुराना शिवलिंग स्थापित है। प्रकृति पूरे साल यहां शिवलिंग का अभिषेक करती रहती है। यहां चट्टानों से पानी गिरता रहता है। यहां पहुंचना बहुत ही मुश्किल है। महाशिवरात्रि पर हजारों की संख्या में लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं।
दुर्वासा ऋषि की गुफा
अमरकंटक मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में भगवान शिव ने जब त्रिपुर नामक राक्षस का वध किया था। यहां एक गुफा है जिसे दुर्वासा गुफा के नाम से जाना जाता है। यहां दुर्वासा ऋषि की प्रतिमा के साथ साथ उनके आराध्य महादेव का शिवलिंग भी है। इस शिवलिंग की खास बात यह है कि यहां बूंद बूंद करके पानी टपकता रहता है। ऐसी मान्यता है कि नर्मदा नदी भगवान शिव का अभिषेक करती रहती हैं।
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