लगभग 2400 किलोमीटर की लम्बाई में फैली यह जगह हिमालय में है। जी हां, वेदो, पुराणों और कई उपन्यासों में इस बात का जिक्र किया गया है कि हिमालय में एक ऐसी जगह है जहां रहने वाले लोग अमर हैं। इस रहस्यमयी शहर में रहने वाले निवासियों की उम्र नहीं बढ़ती है। वक्त मानों इनके लिए थम सा गया है।
मान्यताओं के अनुसार, समय-समय पर इस दुनिया से लोग इंसानी दुनिया में आते हैं और इससे मानव दुनिया में उथल-पुथल मच जाती है। कई बड़े बदलाव भी होते हैं।
कलियुग के अवतार भगवान कल्कि देव के भविष्यवाणी में भी इस शहर का जिक्र है। ऐसा माना जाता है कि कल्कि देव के गुरु इसी शहर में हैं। यही रहकर वह उनके जन्म की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
हर धर्म कथा में इस शहर का जिक्र अलग-अलग नामों से किया गया है जैसे कि,सांभल, सिद्धाश्रम या फिर शांगरी-ला। ऐसा कहा जाता है कि युधिष्ठिर अपने जीवन के अंतिम क्षणों में अपने परिवार संग इसी शहर में आ गए थे।
हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इस शहर को ढूंढ पाना आसान नहीं है। मैपिंग टेक और नेविगेशन सिस्टम की मदद से भी इस जगह को आज तक ट्रेस कर पाना संभव नहीं हो सका है। शाायद आम इंसान की पहुंच से काफी दूर है सिद्धाश्रम। भले ही एक सामान्य इंसान इनकी दुनिया में नहीं पहुंच पाता हो, लेकिन सांभल के लोगों ने समय-समय पर इंसान की दुनिया में हस्तक्षेप कर चुके हैं और इससे मानव जीवन में कई सारे परिवर्तन भी हुए हैं।