अजब गजब

112 साल से बंजर है धरती का ये हिस्सा, उल्कापिंड गिरने से जमीन से उखड़ गए थे 8 करोड़ पेड़

Asteroid Fallen In Tunguska : रूस के तुंगुस्‍का में गिरा था विशालकाय उल्कापिंड, बड़े पैमाने पर जमीन से उखड़ गए पेड़
उल्कापिंड गिरने से इतनी तेज धमाका हुआ जो भूकंप के समान था, इसका कंपन कई देशों में भी महसूस किया गया

Jul 02, 2020 / 03:15 pm

Soma Roy

Asteroid Fallen In Tunguska

नई दिल्ली। आकाशगंगा में उल्कापिंडों (Asteroid) की हलचल एक आम बात है। मगर जब यहीं एस्ट्रॉयड पृथ्वी से टकराते हुए धरती पर आ गिरते हैं तो भयंकर तबाही लाते हैं। विनाश का ऐसा ही कुछ मंजर 112 साल पहले देखने को मिला था। जब एक विशालकाय उल्कापिंड टूटकर रूस के तुंगुस्‍का (Tunguska) में आ गिरा था। सूरज की धधकते इस आग के गोले ने काफी तबाही मचाई थी। इससे जमीन में कई फुट गहरा गड्ढा बन गया। साथ ही 8 करोड़ पेड़ जड़ से उखड़ गए। इस भयावह मंजर को देख हर कोई दहशत में था।
रूस (Russia) में जूनिलन कैलेंडर के अनुसार 17 जून 1908 को सुबह लगभग 07:17 बजे लोगों ने आकाश में चारों ओर घूमता हुआ एक चमकीला प्रकाश देखा था। जो अचानक पास आते ही एक आग के गोले में बदल गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ये आग का गोला पूर्व से उत्तर की ओर चला गया। इसकी गति और आवाज इतनी तेज थी जैसे कोई भूकंप।
इस कंपन का असर जर्मनी, डेनमार्क, क्रोएशिया, यूनाइटेड किंगडम में भी देखने को मिला। रिक्‍टर स्‍केल पर इसकी तीव्रता 5 पाइंट मापी गई जो प्रभावशाली भूकंप के समान थी। बताया जाता है कि इस भयंकर विस्फोट से धूल का इतना बड़ा गुब्बार निकला कि एशिया और यूरोप में पूरा आसमान ढक गया। कई दिनों तक यहां सूरज की रौशनी तक दिखाई नहीं दी। वैज्ञानिकों ने बताया कि उल्कापिंड जिस जगह गिरा वहां बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए। साथ ही वो हिस्सा हमेशा के लिए बजंर हो गया। यहां आज तक कोई पेड़ पौधा नहीं निकला है। उल्कापिंड की आग से धरती के उस हिस्से को काफी नुकसान पहुंचा है।

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