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उन्होंने अपने क्राफ्ट की वीडियो अपने यूट्यूब चेनल पर अपलोड करते रहते है। अपनी वीडियो बनाने के लिए रोमेश को एक ट्रायपॉड की जरूरत पड़ी। लेकिन लॉकडाउन के कारण ऑनलाइन ऑर्डर की सभी जगह डिलीवरी बंद थी। इस बारे मे उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि वह इतनी चीजें बांस से बताने रहते है तो क्यों नहीं ट्रायपॉड बनाया जाए। उन्होंने मेटर के बने ट्रायपॉड की एक वीडियो देखा और उसी के अनुसार खुद का बांस का ट्रायपॉड बना लिया। उन्होंने बताया कि इसको बनाने में 7 दिन का समय लगा है। रोमेश ने जैसे ही इस ट्रायपॉड के बारे में यूट्यूब चैनल और फेसबुक पर अपलोड किया तो उन्हें अलग-अलग जगह से लोग संपर्क करने लगे।
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रोमेश को मणिपुर राज्य के मेरिट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इतना ही नहीं उन्हें नेशनल हैंडलूम डे पर उनके क्राफ्ट के लिए एक अवॉर्ड दिया गया। इसके साथ उनको 50 हजार रुपए की राशि भी दी गई। इस सम्मान से उनको काफी प्रेरणा मिली है। ट्राईपॉड से पहले भी वह बहुत से अलग और खूबसूरत क्राफ्ट बना चुके है। जिनमें ताजमहल, जहाज, कांगला गेट, लालटेन और मणिपुरी घर आदि के मॉडल शामिल हैं। उनका हर एक प्रोडक्ट्स दूसरे से अलग होता है। रोमेश कहा कहना है कि उनको एक क्राफ्ट तैयार करने में करीब 2 से 3 दिन का समय लगता है। एक महीने में वह 20 से ज्यादा क्राफ्ट बनाकर बेचते हैं और इससे उन्हें लगभग 15 हाजर रुपए तक की कमाई हो जाती है। अब उनका एक शोरूम खोलने का सपना है। जिसमें वह अपने बांस के हेंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स बेचेंगे।