अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि ‘सामाजिक रूप से’ भोजन करते वक्त व्यक्ति अधिक खाना खाता है, जबकि अकेले मेंं वह उससे कई गुणा कम भोजन करता है।
ब्रिटेन में बर्मिंघम विश्वविद्यालय की रिसर्चर हेलेन रुडॉक ने कहा, ”हमें इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि अकेल भोजन करने की तुलना में व्यक्ति परिजनों और दोस्तों के साथ बैठकर अधिक खाना खाता है।”
पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि दूसरों के साथ खाने वालों ने अकेले भोजन करने वालों की तुलना में 48 प्रतिशत तक अधिक भोजन खाया और मोटापे से ग्रस्त महिलाओं ने सामाजिक रूप से अकेले खाने के मुकाबले 29 प्रतिशत तक अधिक भोजन किया।
शोधकर्ता ने पाया कि व्यक्ति दोस्तों और परिजनों के साथ अधिक मात्रा में भोजन इसलिए करता है, क्योंकि दूसरों के साथ खाना खाने से भोजन लेने की मात्रा बढ़ती है और यह आनंदमय होता है।शाेधकर्ताआें का मानना है कि अकेले में खाना खाने से व्यक्ति कम खाना खाता है। जाेकि उसका माेटापा कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।