मीठा नीम पचने में हल्का होता है जो शरीर में किसी भी प्रकार की जलन को दूर करता है।
मीठे नीम की ताजा पत्तियों को चबाकर खाने से पेचिश (डिसेंट्री) में राहत मिलती है।
अपच होने पर मूंग की दाल में मीठे नीम का तड़का लगाएं। इससे भूख खुलकर लगेगी। मधुमक्खी या ततैया के काटने पर इसके पत्तों को पीसकर उस स्थान पर लेप करने से आराम मिलेगा।
उल्टी की समस्या होने पर 10-20 पत्तों को 200 मिलिलीटर पानी में उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो छानकर दो-दो चम्मच हर 15 मिनट बाद पिएं, राहत मिलेगी। किडनी रोग होने पर मीठे नीम की जड़ का ताजा रस दस मिलिलीटर की मात्रा में पीने से आराम मिलता है।
लंदन के किंग्स कॉलेज में हुए शोध के अनुसार यह रक्त में ग्लूकोज की मात्रा पर नियंत्रण करता है।
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शरीर के लिए बेहद जरूरी है ये पोषक तत्व –
हम सिर्फ प्रोटीन या कार्बोहाइड्रेट से लंबे समय तक स्वस्थ नहीं रह सकते। शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए पांच सूक्ष्म पोषक तत्व क्रोमियम, कार्बन, फॉस्फोरस, सल्फर व ट्रिप्टोफेन अमीनो एसिड की भी जरूरत होती है। आइए जानते हैं इनके स्रोतों के बारे में।
क्रोमियम : हरी सब्जियां, सेब, केला, पालक, अंगूर व पनीर आदि।
कार्बन : ताजे मौसमी फल, अनाज, अदरक, सेब व शकरकंदी आदि।
फॉस्फोरस : डेयरी उत्पाद, सूखे मेवे, साबुत अनाज, हरी सब्जियां व पीले फल आदि।
सल्फर: पत्ता गोभी, फूल गोभी, पनीर, सोयाबीन और राजमा आदि।
ट्रिप्टोफेन अमीनो एसिड : दूध से बनी चीजें, केला, तिल, मूंगफली, जिमीकंद और पालक आदि।
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