रनिंग/जॉगिंग या वॉकिंग: कार्डियोवेस्कुलर एक्सरसाइज का यह बेहतरीन जरिया है। 30 से 45 मिनट यदि इन्हें किया जाए तो किसी भी अन्य शारीरिक गतिविधि की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसे करें: वैसे तो ये काफी आसान है। लेकिन वॉक व जॉगिंग के दौरान शरीर का संतुलन और पॉश्चर सही होना जरूरी है। सीधे खड़े होने के बाद जैसे ही चलना शुरू करें, ध्यान रखें कि कमर सीधी हो साथ ही हाथ कोहनी से या तो 90 डिग्री के एंगल पर या 45 डिग्री पर मुड़े हों। सही संतुलन के लिए पैरों में आरामदायक जूतों का होना जरूरी है। नजरें सामने की ओर रखें।
ध्यान रखें: हाल ही पैर, घुटने या कूल्हे से जुड़ी कोई सर्जरी हो तो न करें। इसके बजाय कुछ देर पैदल चल सकते हैं। चक्कर आने के अलावा यदि पीठ या पैर में अधिक दर्द हो ज्यादा देर न करें।
ध्यान रखें: हाल ही पैर, घुटने या कूल्हे से जुड़ी कोई सर्जरी हो तो न करें। इसके बजाय कुछ देर पैदल चल सकते हैं। चक्कर आने के अलावा यदि पीठ या पैर में अधिक दर्द हो ज्यादा देर न करें।
स्वीमिंग : शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में तरोताजा महसूस करने के लिए तैराकी अच्छा विकल्प है। इसके कई तरीके यानी बटरफ्लाई, बैकस्ट्रोक व फ्रीस्टाइल प्रमुख रूप से कर सकते हैं। ऐसे करें: इसके लिए पूल के पानी में उतरकर सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। फिर धीरे-धीरे सिर को आगे की ओर झुकाते हुए पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें। फिर हाथों को ऊपर-नीचे तितली की तरह फैलाएं। एक ओर से दूसरी तरफ जाने के बाद खुद को रिलैक्स करते हुए सीधे खड़े हो जाएं। इसके लिए कैप, गॉगल्स आदि साथ होने जरूरी हैं।
साइक्लिंग : हृदय के अलावा फेफड़े, हाथ-पैर जैसे प्रमुख अंगों की एक्सरसाइज के लिए साइक्लिंग हर उम्र में की जा सकती है। कई शोधों के अनुसार दिनचर्या में की जाने वाली रेगुलर 30-45 मिनट की कार्डियो और वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज 20-30 मिनट की साइक्लिंग के बराबर है। इससे मांसपेशियां मजबूत और लचीली होती हैं।
ऐसे करें: सुबह के समय साइक्लिंग बेहतर होती है। इसके लिए किसी भी सामान्य साइकिल पर बैठकर सामान्य सांस लेने व छोडऩे की प्रक्रिया करते रहें। कमर सीधी रखें। पैरों के तलवों को पैडल पर सीधा और कोहनियों को भी सीधा रखें।
ध्यान रखें: चक्कर आने या पैर, घुटने व कूल्हों से जुड़ी कोई सर्जरी हुई है तो इसे न करें। हैडफोन का प्रयोग न करें।