Exercise During Periods: पीरियड्स के दौरान जरूर करना चाहिए व्यायाम, मिलते हैं 5 गजब के फायदे
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फैटी लिवर (fatty liver) की समस्या किस वजह से है, पहले इसके बारे में जानना जरूरी है, क्योंकि यदि एल्कोहॉलिक फैटी लिवर है तो उसके लिए सबसे पहले आवश्यक है कि अल्कोहल का सेवन बंद करें। इस बीमारी को नजरअंदाज न करें, तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर है तो…
1. सेंधा नमक खाएं: तीखा-चटपटा बंद करें। नमक, चीनी, तीखा और मसालेदार खाना न खाएं। समुद्री नमक के बजाय सेंधा नमक का सेवन करें। इसके गुण समुद्री नमक से बिल्कुल अलग होते हैं।
2. रात को खाना न खाएं: फैटी लिवर से ग्रसित हैं तो रात को खाना न खाएं। दो वक्त ही भोजन करें – सुबह व शाम। प्रयास करें कि सूर्यास्त से पूर्व भोजन कर लें। रात को मेटाबॉलिज्म धीमा होता है। यह फैटी लिवर होने का बड़ा कारण है।
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3. भोजन के साथ पानी न पीएं: कई लोगों की आदत होती है कि भोजन करते समय पानी पीते रहते हैं। यह आदत मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है और पाचन धीमा पड़ जाता है। दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीएं लेकिन भोजन के बीच में पानी बिल्कुल न पीएं। भोजन खत्म होने के कुछ देर बाद यानी 30 मिनट बाद पानी पी सकते हैं।
4. गर्म नहीं, ठंडी चीजें खाएं: लिवर के लिए गर्म चीजें नहीं, बल्कि ठंडी चीजें अधिक फायदेमंद हैं। जूस, नारियल पानी, कांजी जैसे ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करें। खटाई न लें जैसे इमली व अमचूर। गन्ने का रस फायदा पहुंचाता है। जलजीरा पीएं। पालक-पुदीने का रस, अंगूर रस और जामुन का रस राहत देता है
5. चाय के बजाय देसी पेय लें: चाय फैटी लिवर को बढ़ावा देती है। उसके बजाय ऐसी चीजों का सेवन करें जो लिवर को राहत दे। चाय, कोल्ड ड्रिंक्स के बजाय देसी पेय पीएं।
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6. मिलेट्स खाएं : गेहूं के बजाय मोटे अनाज खाएं। मिश्रित अनाज से बनी चीजों का अधिक सेवन करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।