ऐसे कम किया अपना वजन
भारती सिंह ने इंटरमिटेंट फास्टिंग को अपनाया है। इसमें वह पहला मील दोपहर 12 बजे लेती थीं और शाम को डिनर सात बजे से पहले कर लेती थीं। इस बीच में वे डाइट में लगभग सभी चीजें जैसे कि दाल, चावल, घी, मक्खन, आलू के परांठे आदि खाती थीं। लेकिन मात्रा नियंत्रित रखती थीं। इस दौरान वे जिम कम ही जाती थीं। लेकिन ब्रिस्क वॉक रोज करती थीं।
भारती सिंह ने इंटरमिटेंट फास्टिंग को अपनाया है। इसमें वह पहला मील दोपहर 12 बजे लेती थीं और शाम को डिनर सात बजे से पहले कर लेती थीं। इस बीच में वे डाइट में लगभग सभी चीजें जैसे कि दाल, चावल, घी, मक्खन, आलू के परांठे आदि खाती थीं। लेकिन मात्रा नियंत्रित रखती थीं। इस दौरान वे जिम कम ही जाती थीं। लेकिन ब्रिस्क वॉक रोज करती थीं।
क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग अगर कोई इसे अपनाता है तो उसे रोज 16 घंटे का उपवास रखना होता है और केवल 8 घंटे में ही खाने की छूट होती है। इस दौरान आप चाहें तो 2, 3, 4 बार भी डाइट ले सकते हैं। इसमें खाने के घंटे कम हैं इसलिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन्स और खनिजों के साथ संतुलित आहार लेने की जरूरत होती है। इसमें सामान्य डाइट के साथ नट्स, सीड्स आदि ज्यादा लेना होता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में जंक फूड या ऑइली फूड नहीं खाना चाहिए। इनसे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलेंगे। नुकसान हो सकता है।
कौन लोग नहीं कर सकते हैं
जिन्हें डायबिटीज, हाइपरटेंशन, गैस्ट्रिक की समस्या है ऐसे लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए। इससे उनकी परेशानी बढ़ सकती है। अगर कोई मेडिकल कंडीशन है, गर्भवती हैं या फिर उम्र अधिक है तो इसे न अपनाएं। डॉक्टरी सलाह के बाद ही शुरू करें।
जिन्हें डायबिटीज, हाइपरटेंशन, गैस्ट्रिक की समस्या है ऐसे लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए। इससे उनकी परेशानी बढ़ सकती है। अगर कोई मेडिकल कंडीशन है, गर्भवती हैं या फिर उम्र अधिक है तो इसे न अपनाएं। डॉक्टरी सलाह के बाद ही शुरू करें।