iron deficiency symptoms : जब शरीर में पर्याप्त आयरन (Iron) नहीं होता है, तो यह हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का उत्पादन कम कर देता है. इस स्थिति को आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया (Iron Deficiency Anemia) कहते हैं. अक्सर यह माना जाता है कि आयरन की कमी सीधे मोटापे (Obesity) का कारण बनती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. हालांकि, जैसा कि हम आगे देखेंगे, आयरन (Iron) की कमी वजन बढ़ाने या वजन कम करने में कठिनाई पैदा कर सकती है. आइए अब विस्तार से जानते हैं कि ऐसा कैसे होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
आयरन की कमी से मोटापा कैसे बढ़ सकता है How can iron deficiency increase obesity?
आयरन की कमी न केवल थकान और कम ऊर्जा का कारण बन सकती है बल्कि वजन बढ़ाने में भी योगदान दे सकती है. आइए देखें यह कैसे होता है:कम ऊर्जा स्तर (Low energy levels):
आयरन की कमी से थकान और कम ऊर्जा महसूस हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप शारीरिक गतिविधि कम हो सकती है और आप एक गतिहीन जीवनशैली अपना सकते हैं, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकता है.बिगड़ा हुआ चयापचय (Impaired metabolism):
आयरन उचित चयापचय, जिसमें कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन का चयापचय शामिल है, के लिए आवश्यक है. आयरन की कमी चयापचय प्रक्रियाओं को बाधित कर सकती है, जिससे शरीर ऊर्जा का कम उपयोग करता है और अधिक मात्रा में जमा कर लेता है. यह भी पढ़ें- Pregnant हैं? आयरन की कमी से ना घबराएं, ये उपाय अपनाएं
ऑक्सीजन परिवहन में कमी (Decreased oxygen transport):
हीमोग्लोबिन, लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन है जो ऊतकों और अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. आयरन की कमी हीमोग्लोबिन के निर्माण को कम करती है, जिससे ऑक्सीजन परिवहन बाधित होता है और शरीर कम ऊर्जा पैदा करता है. इससे चयापचय भी धीमा हो सकता है.भूख में वृद्धि (Increased appetite):
आयरन की कमी भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोनों को प्रभावित कर सकती है, जिससे भूख बढ़ सकती है और आप अधिक खा सकते हैं, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकता है.कसरत का प्रदर्शन कम होना (Decreased exercise performance):
आयरन की कमी से मांसपेशियों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे व्यायाम करने की सहनशीलता और प्रदर्शन कम हो सकता है. नतीजतन, शारीरिक गतिविधि के दौरान कम कैलोरी खर्च होती है.थर्मोजेनेसिस में बदलाव (Changes in thermogenesis):
थर्मोजेनेसिस वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा शरीर गर्मी पैदा करता है और कैलोरी बर्न करता है. आयरन की कमी थर्मोजेनेसिस को प्रभावित कर सकती है, जिससे कैलोरी खर्च कम हो सकती है और वजन बढ़ सकता है.बढ़ी हुई सूजन (Increased swelling):
आयरन की कमी से शरीर में लगातार हल्की सूजन हो सकती है, जिसे मोटापे और चयापचय संबंधी समस्याओं से जोड़ा गया है.आंतों के माइक्रोबायोटा में परिवर्तन (Changes in intestinal microbiota):
आयरन की कमी आंतों के माइक्रोबायोटा की संरचना को बदल सकती है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण, ऊर्जा चयापचय और सूजन को प्रभावित कर सकती है और संभावित रूप से वजन बढ़ाने में योगदान दे सकती है.मनोवैज्ञानिक कारक (Psychological factors):
आयरन की कमी चिड़चिड़ापन, अवसाद और मस्तिष्क संबंधी समस्याओं जैसे लक्षण पैदा कर सकती है, जो खाने के व्यवहार के प्रेरणा और स्व-नियमन को प्रभावित कर सकती है और संभावित रूप से वजन बढ़ने का कारण बन सकती है. जैसा कि हमने जाना, आयरन की कमी न सिर्फ थकान और कमजोरी का कारण बनती है बल्कि वजन बढ़ाने में भी योगदान दे सकती है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है! आप अपने आहार और ज़रूरत के हिसाब से आयरन की पूर्ति कर सकते हैं और स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं.