Dhanteras 2024 : भगवान कुबेर को धन के देवता के रूप में पूजा जाता है। खासकर धनतेरस और दीपावली के समय भक्त कुबेर महाराज के दर्शन करने के लिए जाते है। धनतेरस के दिन भारत में मौजूद एशिया के सबसे बड़े कुबेर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कुबेर के दर्शन करने से घर में सुख-समृद्धि और वैभव का वास होता है। ये प्रतिमा मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में मौजूद है, जिससे यहां के लोगों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है।
ये भी पढें – फेमिना मिस इंडिया 2024 जीतना मेरे लिए सपना साकार होने जैसा है- निकिता पोरवाल मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में भगवान कुबेर की प्रतिमा मौजूद है। ये प्रतिमा भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया की सबसे बड़ी कुबेर प्रतिमा है। जानकारी के अनुसार विदिशा के एक संग्रहालय में कुबेर की 17 फीट ऊंची मूर्ति मौजूद है। धनतेरस के दौरान दूर-दूर से भक्त धन के देवता कुबेर के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं। इस मूर्ति को सबसे प्राचीन कुबेर मूर्तियों में गिना जाता है।
पत्थर समझ कर धोते थे कपड़ें
जानकारी के मुताबिक महारज कुबेर की ये मूर्ति आज से कई साल पहले विदिशा के बैस नदी से मिली थी। शुरुआत में लोग इसे एक पत्थर समझ कर इसपे कपड़ें धोया करते थे। कुछ समय बाद जब पानी कम हुआ तब लोगों का ध्यान मूर्ति पर गया। जांच के बाद पता चला की ये कोई पत्थर नहीं बल्कि धन के स्वामी कुबेर की प्रतिमा है। पुरातत्व विभाग द्वारा कुबेर की इस प्रतिमा को संग्रहालय में रख दिया गया। प्रतिमा की बात करें तो कुबेर महाराज हाथों में धन की पोटली माथे पर पगड़ी और कंधें पर एक कपड़ा धारण किए हुए है।
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