कलेक्टर ने कहा-यह तरीका ठीक नहीं, पदाधिकारी बाले- पूर्व ज्ञापन पर कार्रवाई होती तो हम आते ही क्यों
विदिशा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शिक्षा के व्यापारीकरण के खिलाफ बुधवार को कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और जब डिप्टी कलेक्टर अनुभा जैन ने ज्ञापन लेना चाहा तो उन्हें ज्ञापन नहीं दिया गया। कार्यकर्ता कलेक्टर को ही ज्ञापन देने की बात करते हुए वहीं धरने पर बैठ गए। इस दौरान करीब 20 मिनट तक नारेबाजी के बाद कलेक्टर पहुंंचे तो कलेक्टर व परिषद पदाधिकारियों के बीच सवाल जबाव की िस्थति बन गई।कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा कि आप लोगों को यहां आने से पहले हमें बताना था। यहां हमेशा डिप्टी कलेक्टर ज्ञापन लेते हैं यह व्यवस्था है,आप मुझे ज्ञापन दीजिए बात चैंबर में करेंगे। आप मेरे बच्चों की तरह हो पर आपका तरीका ठीक नहीं है। वहीं विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं का भी कहना रहा कि यह चार लोगों का मसला नहीं है कि चैंबर में बात की जाए। पूर्व में ज्ञापन दिया था उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। कार्रवाई होती तो हम यहां आते ही क्यों, कलेक्टर ने बताया कि कार्रवाई कर रहे हैं सीईओ की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है कहां, क्या करना है यह कमेटी तय करेगी। ————-
ज्ञापन में सात दिन बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी
इस दौरान विद्यार्थी परिषद ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा इसमें अपनी मांगों का उल्लेख करते हुए सात दिवस में उचित कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन करने की बात कही गई है। परिषद ने ज्ञापन में अशासकीय विद्यालयों द्वारा सीबीएसई बोर्ड में एनसीईआईटी कोर्स के साथ स्वयं की पुस्तकें जोड़ने और निश्चित दुकानों से क्रय करने के लिए अभिभावकों का बाध्य किया जा रहा है, इसकी जांच कराई जाए वहीं अशासकीय कॉलेज, डिग्री कॉलेज, आईटीआई, डी.एड, बी.एड की मान्यता व नियमों की जांच कराने एवं शासकीय नर्सिंग कॉलेज में रैगिंग के कारण छात्रा की मौत के मामले में जांच की मांग की गई है। ज्ञापन देने वालों में परिषद के नगर मंत्री अमित यादव, प्रांत मंत्री आयुष पारासर सहित प्रबल शर्मा एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।