अंकुरित होने लगी फसल
वहीं ग्राम अमऊखेड़ी के किसान संदीप रघुवंशी ने बताया कि उनके क्षेत्र में भी सोयाबीन फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। फसल में लगी फलियां बीज से भरा चुकी थी लेकिन अब फलियों में बीज अंकुरित होने लगे। ऐसे में फसल से अब ज्यादा उम्मीद नहीं है। आसपास के गांव में भी यही स्थिति है। हर तरफ खेतों में पानी भरा है और फसल पीली पडऩे लगी है। उन्होंने बताया कि 60 से 70 दिन तक की फसल हो चुकी थी। एक पखवाड़े बाद कटाई शुरू हो जाती लेकिन लगातार बारिश से खेतों में फसल सडऩे की स्थिति बन रही है।
वहीं ग्राम अमऊखेड़ी के किसान संदीप रघुवंशी ने बताया कि उनके क्षेत्र में भी सोयाबीन फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। फसल में लगी फलियां बीज से भरा चुकी थी लेकिन अब फलियों में बीज अंकुरित होने लगे। ऐसे में फसल से अब ज्यादा उम्मीद नहीं है। आसपास के गांव में भी यही स्थिति है। हर तरफ खेतों में पानी भरा है और फसल पीली पडऩे लगी है। उन्होंने बताया कि 60 से 70 दिन तक की फसल हो चुकी थी। एक पखवाड़े बाद कटाई शुरू हो जाती लेकिन लगातार बारिश से खेतों में फसल सडऩे की स्थिति बन रही है।
बारिश से इन गांव की फसल प्रभावित
ग्रामीणों के मुताबिक ग्राम कागपुर, कनारी, ओलिंजा, अमऊखेड़ी, दीताखेड़ी, देवखजूरी, कोठीचार खुर्द, अंडिया, सुरईमूंडरा, हिनौतिया, गड़ला, धनियाखेड़ी, सौजना, हथियाखेड़ी, मढ़ी, हरजाखेड़ी, मोहनाखेजड़ा, अंडिया, नौघई, पीपरहूटा आदि कई गांव में फसलों की स्थिति खराब है। ग्रामीणों का कहना है कि अतिवृष्टि से काफी नुकसान हुआ। फसल से लागत निकलने की भी उम्मीद नहीं है।
ग्रामीणों के मुताबिक ग्राम कागपुर, कनारी, ओलिंजा, अमऊखेड़ी, दीताखेड़ी, देवखजूरी, कोठीचार खुर्द, अंडिया, सुरईमूंडरा, हिनौतिया, गड़ला, धनियाखेड़ी, सौजना, हथियाखेड़ी, मढ़ी, हरजाखेड़ी, मोहनाखेजड़ा, अंडिया, नौघई, पीपरहूटा आदि कई गांव में फसलों की स्थिति खराब है। ग्रामीणों का कहना है कि अतिवृष्टि से काफी नुकसान हुआ। फसल से लागत निकलने की भी उम्मीद नहीं है।
यह है खरीफ का रकबा
फसल रकबा हैक्टेयर
सोयाबीन 443115
धान 22588
उड़द 61266
जुवार 1594
मक्का 1505
अरहर, मूंग 692
कुल रकबा 530760 4 लाख हैक्टेयर में है सोयाबीन
जि ले में इस बार सोयाबीन का रकबा बढ़कर 4 लाख 43 हजार 115 हैक्टेयर है। जबकि गत वर्ष 3 लाख 25 हजार हैक्टेयर रकबा था। इस बार किसानों ने उड़द की बोवनी में रुचि न लेकर सोयाबीन को महत्व दिया। इससे यह रकबा बढ़ा लेकिन अतिवृष्टि के कारण उनके भरोसे की यह फसल संकट में आ गई है।
फसल रकबा हैक्टेयर
सोयाबीन 443115
धान 22588
उड़द 61266
जुवार 1594
मक्का 1505
अरहर, मूंग 692
कुल रकबा 530760 4 लाख हैक्टेयर में है सोयाबीन
जि ले में इस बार सोयाबीन का रकबा बढ़कर 4 लाख 43 हजार 115 हैक्टेयर है। जबकि गत वर्ष 3 लाख 25 हजार हैक्टेयर रकबा था। इस बार किसानों ने उड़द की बोवनी में रुचि न लेकर सोयाबीन को महत्व दिया। इससे यह रकबा बढ़ा लेकिन अतिवृष्टि के कारण उनके भरोसे की यह फसल संकट में आ गई है।
सोयाबीन की फसल 50 से 60 प्रतिशत खराब हो चुकी है। जबकि फसल नुकसान का सर्वे नहीं किया जा रहा। जिला प्रशासन द्वारा सर्वे का कार्य शीघ्र शुरू कराया जाना चाहिए।
-लाखनसिह मीणा, किसान नेता
-लाखनसिह मीणा, किसान नेता
बारिश से अभी तक 20 से 25 प्रतिशत तक नुकसान सामने आया है। सर्वे कार्य चल रहा है। इसके पूरा होने के बाद नुकसान की सही स्थिति सामने आ सकेगी।
-एएस चौहान, उपसंचालक, कृषि विभाग
-एएस चौहान, उपसंचालक, कृषि विभाग