जब आसपास के लोगों ने उसे देखा तो मूलचंद की मौत हो चुकी थी। करीब एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए सिरोंज भिजवाया, गौरतलब है कि लटेरी में डॉक्टर के ड्यूटी पर न रहने से अक्सर यहां के मरीजों को सिरोंज भेजा जाता है। पोस्टमार्टम भी यहां नहीं हो पाता।
किसान की मौत से भड़के किसानों ने प्रशासन को जमकर खरी खोटी सुनाईं। घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम एके मांझी, तहसीलदार शत्रुध्नसिंह चौहान, सब इंस्पेक्टर बनवारी लाल और नायब तहसीलदार बीएल पुरविया मौके पर पहुंचे। मृतक के पुत्र ने ब ताया कि तीन दिन से हम फसल की तुलाई के लिए लाइन में लगे थे, आज पिताजी की मौत हो गई। ऐसा पता होता तो अनाज तुलाई के लिए लेकर ही नहीं आते।
आक्रोशित किसानों को साथ लेकर किसान नेता सुरेन्द्र रघुवंशी ने मंडी गेट को बंद कर चक्काजाम कर दिया। किसानों ने प्रशासन और एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की। प्रशासन को एक ज्ञापन भी दिया, जिसमें मृतक किसान के परिवार को १० लाख रूपए की सहायता, पीडि़त परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के साथ ही समर्थन मूल्य के खरीदी केन्द्र पर किसानों की समस्याओं को जल्दी दूर करने की मांग की गई है।
आज नहीं तुला चना तो जान दे देंगे हम
कालादेव के किसान चतुर्भुज चौरसिया का कहना है कि ५ तारीख को एसएमएस आया था उपज बेचने का, घर का ट्रेक्टर नहीं था, इसलिए किराए का ट्रेक्टर लेकर आया था, तीन चक्कर लगा चुके लेकिन न चना पास हुआ और न रिजेक्ट हुआ। तीसरे बार आए हैं, हर बार ट्रेक्टर ट्राली वाले २ हजार रूपए किराया ले लेते हैं। फिर भी चना नहीं तुल पा रहा। यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है, ऐसा ही चला तो मैं जान दे दूंगा, और चना सरकार को दे जाऊंगा।
समर्थन मूल्य के खरीदी केन्द्र पर सभी व्यवस्थाएं हैं। जितने कांटे नियमानुसार होना चाहिए, वे हैं, फिर भी हम और कांटों की मांग कर रहे हैं। किसान की मौत दुखद है, लेकिन अचानक हुई मौत पर किसी का वश नहीं। मृतक के परिवार को चार लाख रूपए राहत राशि दी जा रही है।
-शत्रुध्नसिंह चौहान, तहसीलदार लटेरी
किसान पांच दिन से लाइन में लगे हुए हैं, यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही। अगर प्रशासन ने जल्द ही कोई व्यवस्था नहीं की तो तीन दिन बाद धरना दिया जाएगा। मृतक के परिवार को दस लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जाना चाहिए।
-सुरेन्द्र रघुवंशी किसान नेता