विदिशा में अब तक गेहूं की 54 फीसदी बोवनी हो पायी है। अधिकारियों के मुताबिक किसान 20 दिसंबर तक बोवनी कर सकते हैं। उपलब्ध डीएपी को क्षेत्र प्रबंधन कर वितरित किया जा रहा है। दो दिन में आने वाली डीएपी का उन क्षेत्रों में वितरण किया जाएगा, जहां किसानों ने निजी साधन या फिर नहर के जरिए पलेवा कर खेतों को तैयार कर लिया है।
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2500 टन डीएपी होगी वितरित
गेहूं की बोवनी का रकबा बढऩे के चलते इस बार डीएपी की अधिक मांग आ रही है। बताया जा रहा है कि अब तक किसानों को 11800 टन डीएपी का वितरण किया जा चुका है। अभी दिसंबर तक 10 हजार टन डीएपी की और मांग आएगी। इसमें से 2 से 3 दिनों में 2500 टन डीएपी आएगी। एक सप्ताह बाद डीएपी की एक और रैक बुलाने की भी कोशिश की जा रही है।
गेहूं की बोवनी का रकबा बढऩे के चलते इस बार डीएपी की अधिक मांग आ रही है। बताया जा रहा है कि अब तक किसानों को 11800 टन डीएपी का वितरण किया जा चुका है। अभी दिसंबर तक 10 हजार टन डीएपी की और मांग आएगी। इसमें से 2 से 3 दिनों में 2500 टन डीएपी आएगी। एक सप्ताह बाद डीएपी की एक और रैक बुलाने की भी कोशिश की जा रही है।
कृषि उप संचालक केशव खपेडिय़ा के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 70 हजार हेक्टेयर अधिक रकबा में गेहूं की बोवनी संभावित है। यही वजह है कि डीएपी की अधिक मांग आ रही है। उनका कहना है कि किसान डीएपी के स्थान पर एनपीके का उपयोग कर सकते हैं। एनपीके पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
बता दें कि इस बार जिले में गेहूं का रकबा साढ़े 3 लाख हेक्टेयर से अधिक होने की संभावना है। पिछले वर्ष 2.75 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी की गई थी।