इन दिनों में अनाज मंडी में धान एवं सोयाबीन की मुख्य आवक है। इसके अलावा मूसर, चना और अन्य जिन्सें भी बहुतायत में आ रही है। दो माह तक ऐसी ही स्थिति रहेगी और किसानों का नकद भुगतान की व्यवस्था होने से बड़ी राशि का लेनदेन हर दिन मंडी में हो रहा है पर सुरक्षा के नाम पर मंडी परिसर व मंडी के मार्गों पर किसी तरह की व्यवस्था नहीं है। व्यापारियों का कहना है कुछ दिन पूर्व बासौदा में एक किसान के साथ लूट की वारदात हो चुकी। वहीं विदिशा में भी कुछ माह पहले एक व्यापारी के मुनीम 14 लाख रुपए की दिनदहाड़े लूट एवं एक व्यापारी की पत्नी के गले से सोने की चैन लूटने के मामले हो चुके हैं। ऐसे में इस आवक सीजन के दौरान अनाज मंडी एवं बैंकों के मार्गों पर सुरक्षा के प्रबंध जरूरी है, क्योंकि अनाज व्यापारी भी बैंकों से काफी राशि निकालकर मंडी पहुंचते हैं।
मंडी में अस्थायी चौकी जरूरी
अनाज व्यापारियों के मुुताबिक करीब दो माह तक यह आवक सीजन रहेगा और हर दिन बड़ी संख्या में किसान आएंगे लाखों करोड़ों रुपए का कारोबार होने से मंडी में अस्थायी चौकी जरूरी है। क्योंकि सुरक्षा के साथ ही यातायात व्यवस्था में भी पुलिस की जरूरत महसूस की जाती है। मंडी में सैकड़ों की संख्या में किसान होने से कई बार विवाद होने की नौबत भी बनती आई है।
मंडी कार्यालय में भी हो चुकी चोरी
मिली जानकारी के अनुसार तीन दिन पूर्व पुरानी मंडी परिसर स्थित मंडी कार्यालय में भी चोरी की वारदात हो चुकी है। इसमें कार्यालय की पीछे की जाली तोड़कर अज्ञात चोर मंडी के 20 वर्ष पुराने कबाड़ सामान में से पुराना टीवी, पुराने बांट, मानीटर, कुछ खराब पुरानी लाइटें आदि सामान चुरा ले गए। इस घटना की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई वहीं इस कार्यालय का सभी पुराना कबाड़ा नई मंडी कार्यालय में ले जाकर सुरक्षित करना पड़ा है।
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इस मार्ग पर पुलिस गश्त की आवश्यकता
कई ग्रामीण क्षेत्र के किसान शहर में मोहनगिरी मार्ग से होकर बंटीनगर अंडरब्रिज से निकलकर अनाज मंडी पहुंचते हैं। इस मार्ग पर शाम को पुलिस गश्त की जरूरत महसूस की जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि इस मार्ग पर ट्रॉलियों से अनाज बोरियां चोरी होती है तो वहीं खराब सड़क के कारण कई बार ट्रॉलियां भी पलटती है। सड़क पर बिजली की व्यवस्था नहीं होने एवं किसान के पास अनाज बेचने की मोटी राशि होने पर किसी तरह के हादसों का डर भी रहता है। इसलिए इस मार्ग पर पुलिस गश्त की जरूरत है।