स्वर्वेद मंदिर का अर्थ क्या है? :- स्वर्वेद मंदिर में किसी भगवान की पूजा नहीं होती है। यह सिर्फ मेडिटेशन होता है। चौंक गए न की प्रदेश में ऐसा भी कोई मंदिर है। यह एक मेडिटेशन स्थल है। इस मंदिर का नाम है स्वर्वेद। स्वर्वेद का मतलब है स्व: और वेद। स्व: का एक अर्थ है आत्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान। स्व: का दूसरा अर्थ है परमात्मा, वेद का अर्थ है ज्ञान। जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, जिसके द्वारा स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे ही स्वर्वेद कहते हैं। इस मंदिर में किसी विशेष भगवान की पूजा के बजाय मेडिटेशन किया जाता है।
बनारस में बिजली नहीं जाएगी चाहे पूरे यूपी की चली जाए, जानिए क्यों? स्वर्वेद मंदिर की खास बातें :- स्वर्वेद महामंदिर विशाल और आकर्षण का केंद्र है।
यह सात मंजिला है, 64 हजार स्कवायर फीट में बना है।
करीब 35 करोड़ की लागत आई है।
यह देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर है।
काशी में बना स्वर्वेद मंदिर 180 फीट ऊंचा है।
भारत सहित विदेशों में भी हैं इसके अनुयायी।
इस सुपर स्ट्रक्चर सुर्खियों में बना हुआ है।
मकराना मार्बल से यह मंदिर बनाया गया है।
जिसमें 3137 स्वर्वेद के दोहे लिखे गए हैं।
इसमें कमल के आकार का गुंबद बना हुआ है।
यह सात मंजिला है, 64 हजार स्कवायर फीट में बना है।
करीब 35 करोड़ की लागत आई है।
यह देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर है।
काशी में बना स्वर्वेद मंदिर 180 फीट ऊंचा है।
भारत सहित विदेशों में भी हैं इसके अनुयायी।
इस सुपर स्ट्रक्चर सुर्खियों में बना हुआ है।
मकराना मार्बल से यह मंदिर बनाया गया है।
जिसमें 3137 स्वर्वेद के दोहे लिखे गए हैं।
इसमें कमल के आकार का गुंबद बना हुआ है।