बनारस में इस मानसून सीजन की बात की जाये तो जून में सबसे कम बारिश हुई थी उसके बाद जुलाई व अगस्त के पहले पखवारे में अच्छी बारिश हो जाने से सभी को राहत मिली थी। अगस्त के दूसरे पखवारे से मौसम में बदलाव हुआ था और कम बारिश होने से किसानों को सबसे अधिक नुकसान हो रहा था। सितम्बर के पहले 10 दिन तक भी अच्छी बारिश नहीं होने से उमस व गर्मी से लोग बेहाल हो उठे थे। बीच में हल्की बारिश हुई थी लेकिन वह नाकाफी साबित हुई थी। पूर्वी यूपी से मानसून रुठा हुआ था और मध्य भारत में ही सबसे अधिक वर्षा हो रही थी। लेकिन अब मौसम में बदलाव हुआ है। मानसून ट्रफ यूपी की तरफ आयी है और साउथ यूपी व मध्य प्रदेश के पास एक लो प्रेशर एरिया बना हुआ है जिससे नम हवा पूर्वी यूपी की तरफ आ रही है इससे बनारस सहित आस-पास के जिलों में तेज बारिश हो रही है। गरज-चमक के साथ आधा घंटा से अधिक समय तक तेज बारिश हुई है। आसमान में बादल छाये हुए हैं और बूंदाबांदी का क्रम जारी है। निजी संस्था स्काईमेट की माने तो अगले दो दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। कही पर तेज तो कही पर हल्की बूंदाबंदी होने की संभावना है। दो दिन बाद मौसम में बदलाव होगा और बारिश की गतिविधि थम जायेगी। मौसम वैज्ञानिक प्रो.एसएन पांडेय ने बताया कि सितम्बर की यह सबसे अच्छी बारिश है। मानसून ट्रफ व लो प्रेशर एरिया के चलते यह बारिश हो रही है कल तक ऐसा ही मौसम रहने की संभावना है।
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अभी तक हुई है 22 प्रतिशत कम बारिश
पूर्वी यूपी की बात की जाये तो अभी तक 22 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 678 मिलीमीटर बारिश होने पर उसे सामान्य माना जाता है और 11 सितम्बर तक पूर्वी यूपी में 578 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। इसके बाद जो बारिश हुई है उससे 600मिलीमीटर तक बारिश पहुंच सकती है। इस माह तक ऐसे ही सिस्टम बनता रहा तब ताकर सामान्य बारिश को कोटा पूरा हो सकता है।
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पूर्वी यूपी की बात की जाये तो अभी तक 22 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 678 मिलीमीटर बारिश होने पर उसे सामान्य माना जाता है और 11 सितम्बर तक पूर्वी यूपी में 578 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। इसके बाद जो बारिश हुई है उससे 600मिलीमीटर तक बारिश पहुंच सकती है। इस माह तक ऐसे ही सिस्टम बनता रहा तब ताकर सामान्य बारिश को कोटा पूरा हो सकता है।
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