वाराणसी

काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर विवादः अंजुमन कमेटी के दलीलों पर बोले वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्‍णु जैन, शिवलिंग व फौवारे के बीच का अंतर हमें पता है

काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर विवादः कोर्ट के आदेश पर चली सर्वे की कार्यवाही के अंतिम दिन जहां वादी पक्ष ने परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा किया वहीं प्रतिवादी पक्ष का कहना रहा कि वो शिवलिंग नहीं फौवारा है। इस पर वादी पक्ष के पैरोकार अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि हमें शिवलिंग और फौवारे के बीच का अंतर पता है।

वाराणसीMay 17, 2022 / 01:00 pm

Ajay Chaturvedi

अधिवक्ता विष्णु जैन

वाराणसी. काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर विवाद के तहत कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में चली सर्वे की कार्यवाही के अंतिम दिन जहां वादी पक्ष ने परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा किया और खुशी जाहिर की वहीं प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के लोगों ने उसे फौवारा करार दिया। इस पर वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैने ने जवाब दिया है और कहा कि हमें शिवलिंग और फौवारे के बीच का अंतर पता है।
फव्वारे को शिवलिंग बताकर पूरे देश को गुमराह किया जा रहा।
सोमवार की कार्यवाही के बाद जी रही दलीलों के मध्य मंगलवार को हिंदू पक्ष के वकील विष्‍णु जैन ने कहा कि यदि वहां फव्वारा होगा तो उसके नीचे उसका पूरा सिस्‍टम होगा। लेकिन सर्वे की कार्यवाही के दौरान जो वजूखाने में दिखा उसका आकार-प्रकार शिवलिंग का है। फव्वारे और शिवलिंग के बीच का अंतर हमें पता है। उन्होंने कहा कि मैं मुस्लिम पक्ष के दावे को खारिज करता हूं। वहां एक शिवलिंग था। यह एक मंदिर रहा और रहेगा।
ये नहीं पता कि शिवलिंग खंडित है या नहीं
उन्होंने कहा कि जहां शिवलिंग मिला है उसमें कुछ डंडियां डाली गई थीं पर वो ज्‍यादा अंतर तक नहीं गई नहीं। ऐसे में अभी ये कह पाना कि शिवलिंग खंडित हुआ है या नहीं मुश्किल है। उन्होंने कहा है कि अ‍भी बहुत पुख्‍ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता पर मेरी और हिंदू पक्ष की नजर में वो शिवलिंग है। अधिवक्ता जैन ने कहा कि अभी मैं अधिकारिक तौर पर इतना ही कह सकता हूं कि वहां पर एक शिवलिंग मिला अब आगे जब न्‍यायालय के सामने कोर्ट कमिश्‍नर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे तो उसमें आगे बहस होगी।
वजूखाने के बीच में कुएं जैसा भी दिखा
अधिवक्ता विष्‍णु जैन का दावा है कि वजूखाने के बीच में उन्होंने कुएं जैसी दीवार देखी है। उसके बाद ही वजूखाने के पानी को कम कराने का अनुरोध किया। पानी कम कराए जाने के बाद देखा गया तो वहां काफी बड़ा शिवलिंग नजर आया। इसके बाद हमने कोर्ट से शिवलिंग के संरक्षण की मांग की। इस पर कोर्ट ने सीआरपीएफ और प्रशासन को उसके संरक्षण का आदेश दिया।

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