दशकों से मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन को लेकर हैं संघर्षरत, जेल भी गए विश्व हिंदू सेना प्रमुख अरुण पाठक ने कहा है की मां श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन को लेकर हम दशकों से संघर्ष करते आ रहे है। नियमित दर्शन की मांग को लेकर हमने वर्ष 1995 और 2017 में दो-दो बार रक्ताभिषेक किया। इस मामले में हमें कई बार जेल तक जाना पड़ा है। ऐसे में हम भी ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर याचिका दाखिल करेंगे।
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पाठक का कहना है कि ज्ञानवापी प्रकरण में अदालत में आज याचिका दायर कर खुद को वादी या राखी सिंह सहित पांच महिलाओं द्वारा दायर याचिका में तीसरा पक्ष बनाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा है कि मां शृंगार गौरी के दर्शन को लेकर हमने बड़ी लड़ाई लड़ी है। कहा कि ये संघर्ष हमने शिवसेना में रहते शुरू किया था, लेकिन जब पार्टी ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया तो मैने पार्टी छोड़ कर नया संगठन बना लिया।
न्याय मिलने तक जारी रहेगा संघर्ष उन्होंने कहा है कि हमारे वकील कोर्ट को बताएंगे कि हमने तमाम मुसीबतों के बावजूद हिंदू धर्म को प्रचारित-प्रसारित करने का अभियान जारी रखा है। इसके प्रमाण भी हैं। ज्ञानवापी मस्जिद का मामला वर्षों से अदालतों में चल रहा है। बाबा और मां शृंगार गौरी के लिए हम पीछे नहीं हट सकते। न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
निर्मोही अखाड़ा भी दायर करेगा याचिका इसके अलावा निर्मोही अखाड़ा भी ज्ञानवापी में पूजन के अधिकार के लिए वाराणसी की कोर्ट में परिवाद दाखिल करेगा। ये ऐलान अखाड़ा परिषद के महामंत्री ने की है।