श्रीराम के जयघोष से गूंजा उठा मलदहिया चौराहा समाज सेवा संघ के रावण दहन में पूरा शहर मानों उमड़ा था। मलदहिया चौराहे से पहले काशी विद्यापीठ के मैदान में होने वाले इस रावण दहन के 75वें वर्ष के बारे में बताते हुए समिति के अध्यक्ष मंगल सोनी ने बताया कि भगवान श्रीराम ने अहंकारी रावण का अंत कर सृष्टि को उसके भय और प्रताड़ना से मुक्ति दिलाई थी। समाज में एक सीख देने के लिए कि हमेशा बुराई पर अच्छाई की जीत होती है यहां पिछले 75 वर्षों से रावण का दहन किया जा रहा है। यहां हजारों लोग रावण दहन में उमड़ते हैं और पूरा इलाका जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठता है।
इंग्लिशिया लाइन से सजधज के पहुंची राम बारात इसके पहले इंग्लिशिया लाइन चौराहे से रथ पर सवार होकर प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और सीता की सवारी निकली तो पूरा इलाका सियावर रामचंद्र की जय के जयघोष से गूंज उठा। तय समय भगवान हनुमान के साथ दोनों भाई मलदहिया चौराहे पर पहुंचे जहां रावण के पुतले की परिक्रमा कर उसपर बाण छोड़े और उसका संहार किया। इसके फौरन बाद राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल ने रावण के पुतले में आग लगाईं।
हादसा होते-होते बचा
इस दौरान समिति ने आतिशबाजी का भी इंतजाम किया था पर इस आतिशबाजी से हादसा होते-होते बचा जब एक स्टार लाइट बम ऊपर ना जाकर आकर फट गया। खाली जगह पर गिरने से कोई हादसा नहीं हुआ। यदि यह बम जहां हजारों की भीड़ खड़ी थी वहां फटता तो अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था। इसके फौरन बाद प्रभारी निरीक्षक ने मौके पर पहुंचकर आतिशबाजी रुकवा दी और उसे वहां से हटवा दिया।