प्रशासन का कहना है कि जजर्र भवन तोड़ने के लिये भी नगर निगम की परमिशन जरूरी है। वीडीए की ओर से चेतावनी दी गई है कि बिना नगर निगम की परमिशन के मकान न तोड़ा जाय। इसके अलावा वीडीए ने इस बात के लिये भी चेताया है कि यदि भवन को पुनर्निर्माण के लिये ढहाया जाना है तो भी बिना नक्शा पाए कराए किसी भी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता। वीडिए की नोटिस में मकान तोड़वा रहे बिस्मिल्लाह खां के पोते मो. सिब्तैन और बिल्डर का नाम लिखा गया है।
सबसे पहले बेटे ने ही शुरू किया विरोध
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के पांच बेटों में से सबसे छोटे बेटे तबला वादक यश भारती नाजिम हुसैन ने पत्रिका को फोन कर के मकान तोड़े जाने की जानकारी दी थी और इसका विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि उस कमरे से न सिर्फ उनके अब्बा जी की स्मृतियां जुड़ी हैं बल्कि संगीत प्रेमियों के लिये वह उस्तार की विरासत है। उन्होंने प्रशासन से इसे बचाने और म्यूजिसम की शक्ल देने की मांग की थी।
संगीत जगत की बड़ी हस्तियों ने भी किया है विरोध
बिस्मिल्लाह खां का घर तोड़े जाने की खबर से संगीत जगत भी हैरान था। देश के कई नामचीन कलाकारों और विश्व प्रसि’ हस्तियों ने भी परिवार के इस कदम का विरोध किया। पद्मश्री राजन साजन मिश्र ने भवन को म्यूजियम बनाने की मांग की है तो पद्मश्री छन्नूलाल मिश्र ने भी संरक्षित किये जाने की मांग की है। शास्त्रीय संगीत गायिका डाॅ. सोमा घोष, संतूर वादक पं. तरुण भट्टाचार्य, मोहन वीणा वादक पं. विश्वमोहन भट्ट सरीखे कलाकारों ने उस्ताद के घर को तोड़े जाने से रोकने और उसे आने वाली पीढ़ी के लिये संरक्षित करने की मांग की है।