वाराणसी

वासंतिक नवरात्र 2022 चतुर्थ दिन : शृंगार गौरी और माता कूष्मांडा के दरबार में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

वासंतिक नवरात्र 2022 के चौथे दिन देवी भक्तों ने मां शृंगार गौरी और मां कूष्मांडा का दर्शन-पूजन किया। इस मौके पर काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर और दुर्गाकुंड स्थित मां कूष्मांड के दरबार में भोर से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई। दर्शन-पूजन का ये सिलसिला अब देर रात तक जारी रहेगा।

वाराणसीApr 05, 2022 / 04:29 pm

Ajay Chaturvedi

मां शृंगार गौरी और माता कूष्मांडा

वाराणसी. वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन माता रानी के गौरी स्वरूप शृंगार गौरी और शक्ति स्वरूपा माता कूष्मांडा के दर्शन की मान्यता है। मंगलवार को दोनों देवी दरबारों में आस्थावानों की भीड़ उमड़ी। शृंगार गौरी का मंदिर विश्वनाथ धाम परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे होने से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। भक्तों ने माता के समक्ष माला-फूल, चुनरी, प्रसाद, सिंधुर अर्पित कर सुख समृद्धि मांगी। यहां आने वाले हर श्रद्धालु की चेकिंग भी की गई। संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण यहां नारियल ले जाने पर प्रतिबंध रहा। नारियल न चढा पाने का मलाल भक्तों में साफ दिखा। हालांकि भक्तो ने मां के श्री चरणों में शृंगार समाग्री जरूर अर्पित की।
कड़ी सुरक्षा के बीच भक्तों ने किया मां का पूजन

भोर में 5 बजे मंगला बेला में देवी को दूध दही, घी, इत्र, गुलाबजल, गंगाजल आदि से माता का पंचामृत स्नान करा कर नूतन वस्त्र धारण कराया गया। फिर हुआ मां का भव्य शृंगार। इसके बाद देवी की आरती उतारी गई। देवी की आरती और पंचामृत लेने के लिए भक्तो में होड़ लगी गई। गोरखपुर की घटना के बाद अलर्ट घोषित होने से भक्तों को सघन जांच के बीच गुजरना पड़ा।
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मां कूष्मांडा की मंगला आरती में उमड़ा भक्तो का हुजूम
उधर दुर्गाकुंड स्थित माता कूष्मांडा के दर्शन के लिए भी सुबह से कतारे लग गई थीं। भोर में 4.30 बजे देवी का विधिवत पंचामृत स्नान हुआ दूध, धी, गुलाबजल, विविध प्रकार के इत्र गुलाबजल, केवड़ाजल, देशी चीनी पंचमेवा से देवी का अभिषेक किया गया। देवी की मंगला आरती में भक्तो का हुजूम उमड़ा रहा। पूरा परिसर देवी के जयघोष से गूंजता रहा। आरती के पश्चात भक्त पंचामृत और आरती लेकर निहाल हो गए।
कूष्मांडा मंदिर के आसपास मेले जैसा नजारा

दर्शन पूजन का सिलसिला तक अनवरत जारी है। श्रधालुओं ने माता को शृंगार समाग्री, नारियल, चुनरी, गुलाब, अड़हुल , गुलाब, टेंगरी, टेंगरा के पुष्प की माला अर्पित की। इस मौके पर मंदिर परिसर की भव्य सजावट की गई थी। मंदिर परिसर के आसपास मेले सा महौल रहा।

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