वाराणसी

बनारस के युवा वैज्ञानिक ने भारतीय सेना के लिए बनाई ऐसी डिवाइस जो दुश्मन की हर गतिविधि पर रखेगा नजर, करेगा अलर्ट

देश के जवानों पर पीठ पीछे धोखे से हमला करने वाले दुश्मन के इरादों को नेस्त नाबूत करने के लिए काशी के युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जो दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रखेगा। साथ ही उनके भारतीय कैंप के समीप आने की स्थिति में समय रहते सूचित भी करेगा। तो जानते हैं क्या है ये डिवाइस और कैसे करता है काम…

वाराणसीAug 16, 2022 / 12:58 pm

Ajay Chaturvedi

Ashoka Institute of Technology and Management

वाराणसी. जिले के सारनाथ क्षेत्र स्थित अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी एंड मैनेजमेंट के युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने एक ऐसी डिवाइस डिजाइन की है जो भारतीय सेना के लिए पूरी तरह से मुफीद है। ये डिवाइस देश की सीमा पर दुर्गम इलाकों में कैंप करने वाले भारतीय जवानों को चौबीसो घंटे कैंप से एक किलोमीटर की परिधि में दुश्मन की हर गतिविधि पर न केवल नजर रखेगी बल्कि आर्मी कैंप को सतर्क भी करेगी। युवा वैज्ञानिक चौरसिया ने इसे “आर्मी एंटी अटैक सिस्टम” नाम दिया है। ये मानव रहित यंत्र है जिसकी मदद से आर्मी बेस कैंप में रहने वाले जवान सतर्क होकर आत्मरक्षा के साथ जवाबी कार्रवाई को भी बखूबी अंजाम दे सकते हैं। वैसे इसकी रेंज एक किलोमीटर है पर इसे अपनी जरूरत के हिसाब से बढ़ाया भी जा सकता है।
देश की सीमा पर दुर्गम इलाकों में शिवर में रहने वाले जवानों को अलर्ट करती है डिवाइस

इस डिवाइस को बनाने वाले हैं वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र स्थित अशोका इंस्टीट्यूट के रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग के युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने। यह डिवाइस टू वे कम्युनिकेशन पर आधारित है और दुश्मन के नजदीक आने पर ये डिवाइस देश की सीमा पर दुर्गम इलाकों में शिवर में रहने वाले जवानों को अलार्म के मार्फत अलर्ट करता है। ये पूरी तरह से मानवरहित है और चौबीसो घंटे काम करती है। आम तौर पर ये आर्मी बेस कैंप के एक किलोमीटर की परिधि में काम करती है लेकिन अपनी जरूरत के मुताबिक इसके क्षेत्र को घटाया-बढ़ाया भी जा सकता है।
जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर बनायी गई है ये डिवाइस

ये डिवाइस आर्मी के जवानों के लिए पूरी तरह से मुफीद है। जंग के दौरान दुश्मन पर गिद्ध जैसी पैनी दृष्टि रखने में सक्षम है। इसके जरिए दिन हो या रात, दुश्मन की हर गतिविधि पर सटीक नजर रखी जा सकती है। दुश्मन किस ओर से उनके समीप आ रहे हैं इस बाबत उन्हें अलर्ट करने में सक्षम है।
टू वे कम्युनिकेशन पर आधारित है डिवाइस

डॉ श्याम चौरसिया का कहना है कि आर्मी के जवान अपने कैंप के आस-पास की दुश्मन की हर गतिविधि की जानाकारी हासिल करने के लिए इस “आर्मी एंटी अटैक सिस्टम” का प्रयोग कर खुद को जवाबी हमले के लिए तैयार कर सकते हैं। ये डिवाइस टू वे कम्युनिकेशन पर आधारित है। आर्मी कैंप में इस डिवाइस को इंस्टॉल करने की स्थिति में ये डिवाइस दुश्मन के अपने कैंप के समीप आने की सूचना अलार्म से देगा। उसके बाद आर्मी के जवान न केवल खुद की रक्षा कर सकते हैं बल्कि अपनी तैयारियों को और ज्यादा सटीक तरीके से अंजाम दे सकते हैं। खास ये कि इस डिवाइस में एक गन भी अटैच है जिससे सेना के जवान रेडियों रिमोट से एक किलोमीटर दूर से दुश्मन पर कैमरे से टार्गेट कर जवाबी हमला कर सकते हैं।
डिवाइस तैयार करने में इनका किया गया प्रयोग

इस डिवाइस का वजन लगभग 4 किलो है। इसे बनाने में करीब महीनें भर का समय लगा है। इसे तैयार करने में 20- 25 हजार की लागत आई है। इसके निर्माण में रेडियो किट, कैमरा, एक इंच मेटल पाईप, गियर बॉक्स, बैटरी, मोसन सेंसर जैसे पार्ट्स लगाए गए हैं।
संस्था के चेयर पर्सन ने सराहा, हर संभव मदद का वादा
अशोका इंस्टिट्यूट के चेयरमैन अंकित मौर्य ने श्याम चौरसिया के इस आर्मी एंटी अटैक सिस्टम को काफी सराहा है। साथ ही ऐेसे रिसर्च को आगे बढ़ाने में हर संभव मदद का वादा किया है।

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