सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद यूपीपीएससी में हुए भर्ती घोटाले की जांच तेज हो गयी है। इसी मामले में पूर्व चेयरमैन को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। नोटिस मिलने के बाद डा. अनिरुद्ध यादव को एसआईटी के सामने उपस्थित होना होगा। यदि पूर्व चेयरमैन पूछताछ में सहयोग नहीं करते हैं तो एसआईटी अग्रिम कार्रवाई भी कर सकती है। बताते चले कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव के राज में ही डा. अनिरुद्ध यादव को लोक सेवा आयोग का चेयरमैन बनाया गया था। वर्ष 2016 में डा. अनिरुद्ध यादव चेयरमैन बने थे और 62 वर्ष की आयु पूरी हो जाने के चलते वर्ष 2018 को उनका कार्यकाल खत्म हो गया था। अलीगढ़ के मूल निवासी डा. अनिरुद्ध यादव आयोग के चेयरमैन बनने से पहले बदायूं स्थित गोविंद बल्लभ पंत महाविद्यालय के प्राचार्य थे। सैन्य विज्ञान और राजनीतिशास्त्र में पीजी करने के साथ ही उन्होंने एलएलबी व पीएचडी भी की है।
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जानिए क्या है एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती घोटाला
यूपीपीएससी में हुए एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती घोटाला इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है। 29 जुलाई 2018 को यूपीपीएससी ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था उस समय परीक्षा को लेकर सवाल नहीं उठे थे लेकिन पश्चिम बंगाल की सीआईडी की सूचना पर सक्रिय हुई बनारस एसटीएफ ने चोलापुर से प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ही पेपर लीक होने की जानकारी सामने आयी थी। पश्चिम बंगाल के एक प्रिंटिंग प्रेस में एलटी ग्रेड परीक्षा का पेपर छपा था जिसका मालिक कौशिक था। आरोप है कि यही से प्रश्र पत्र लीक हुआ था। कौशिक से पूछताछ और व्हाटसऐप से मिली जानकारी के अनुसार बनारस क्राइम ब्रांच ने प्रयागराज से तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की थी बाद में उन्हें जेल भेजा गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था और एसआईटी ने ही पूर्व चेयरमैन डा. अनिरुद्ध यादव को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है।
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यूपीपीएससी में हुए एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती घोटाला इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है। 29 जुलाई 2018 को यूपीपीएससी ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था उस समय परीक्षा को लेकर सवाल नहीं उठे थे लेकिन पश्चिम बंगाल की सीआईडी की सूचना पर सक्रिय हुई बनारस एसटीएफ ने चोलापुर से प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ही पेपर लीक होने की जानकारी सामने आयी थी। पश्चिम बंगाल के एक प्रिंटिंग प्रेस में एलटी ग्रेड परीक्षा का पेपर छपा था जिसका मालिक कौशिक था। आरोप है कि यही से प्रश्र पत्र लीक हुआ था। कौशिक से पूछताछ और व्हाटसऐप से मिली जानकारी के अनुसार बनारस क्राइम ब्रांच ने प्रयागराज से तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की थी बाद में उन्हें जेल भेजा गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था और एसआईटी ने ही पूर्व चेयरमैन डा. अनिरुद्ध यादव को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है।
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