अस्सी और गोदौलिया पर पहले से है मुमुक्षु भवन बता दें के अस्सी और गोदौलिया क्षेत्र में पहले से मुमुक्षु भवन है। अस्सी के मुमुक्षु भवन में मोक्षार्थियों के अलावा वृद्धजन भी आकर रहते हैं। लेकिन गोदौलिया स्थित काशी लाभ मुक्ति भवन में मोक्षार्थी को 15 दिन के लिए कमरा दिया जाता है। निर्धारित अवधि बीतने के बाद मोक्षार्थी के स्वास्थ्य में सुधार होने पर उसे वापस लौटा दिया जाता है। वहीं अगर मोक्षार्थी की स्थिति क्रिटिकल है तो उसे और 15 दिन की मोहलत मिलती है। ये काशी लाभ मुक्ति भवन का निर्माण डालमिया परिवार की जडिया देवी ने कराया था। यहां आने वाले मोक्षार्थी को निःशुल्क रहने को कमरा मिलता है। साथ ही खाना पकाने के लिए गैस सिलेंडर व चूल्हा आदि भी मुहैया कराया जाता है। केवल बिजली का न्यूनत चार्ज लिया जाता है।
अब काशी विश्वनाथ धाम में तीसरा मुमुक्षु भवन श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के समीप दो मंजिला मुमुक्षु भवन तकरीबन तैयार हो गया है। ये मुमुक्षु भवन 1,161 वर्ग मीटर भूमि पर निर्मित है। इसमें मोक्षार्थियों के लिए 36 कमरों का निर्माण कराया गया है। सभी मोक्षार्थी के लिए धाम की ओ से चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी जिसके इंतजाम किए गए हैं। मुमुक्षु भवन परिसर में ही चिकित्सक की ड्यूटी लगेगी, ताकि समय-समय पर मोक्षार्थी के सेहत की जांच हो सके। मोक्षार्थियों को गंगा स्नान के बाद धाम परिसर स्थिति भवन में आने में दिक्कत न हो इसके लिए गंगा द्वार के समीप रैंप व स्वचालित सीढिय़ां भी बनाई जा रही हैं। मुमुक्षु भवन में सभी तरह की व्यवस्था निश्शुल्क होगी।
ये भी पढें- काशी विश्वनाथ धाम-अन्नपूर्णा मंदिर के बीच दीवार विवाद थमा, जानें किस मुद्दे पर बनी बात मोक्षार्थियों को अनवरत मिलेगा गंगा दर्शन काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर मुमुक्षु भवन होने से वहां ठहरने वाले मोक्षार्थियों को 24X7 गंगा दर्शन का लाभ भी मिल सकेगा। साथ ही वो बाबा विश्वनाथ के दर्शन भी कर सकेंगे। बता दें कि काशी में मृत्यु के बाद बाबा विश्वनाथ ही कान में मोक्ष का तारण मंत्र देते हैं जिसके बाद उसे सांसारिक मोहमाया के बंधन से मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं इस मुमुक्षु भवन में मोक्षार्थी चाहे तो यज्ञ-हवन कर सकेंगे। साथ ही उनके लिए रामचरित मानस व शिव महापुराण कथा श्रवण का इंतजाम भी किया जाएगा।
निजी संस्था संचालित करेगी मुमुक्षु भवन काशी विश्वनाथ धाम परिसर के मुमुक्षु भवन का संचालन निजी संस्था करेगी। इसके तहत वयोवृद्ध मोक्षार्थियों की सुविधा व सेवा के लिए इस कार्य में अनुभव रखने वालों को ही ये मौका दिया जाएगा। श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के स्तर से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट की प्रक्रिया नवंबर 2021 में ही पूरी की जा चुकी है। इसमें छह संस्थाएं आगे आई थीं जिसमें दक्षिण भारत की संस्थाएं भी है।