कांग्रेस, सपा और अपना दल क का मिला समर्थन इस किसान प्रतिरोध सभा में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और अपना दाल (क) नेता और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। अपना दल (क) की सिराथू विधायक पल्लवी पटेल भी मौजूद रहीं। हजारों ग्रामीणों ने बैरवन बगीचे में पहुंचकर इस प्रतिरोश सभा को सफल बनाया।
किसानों का दमन कर रही सरकार इस मौके पर मौजूद सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि सरकार दमनकारी निति अपना कर किसानों का दमन करना चाहती है। वह भूल गई है कि इन्ही किसानों ने उनकी सरकार बनवाने में अहम योगदान दिया है। किसानों के स्वाभिमान और सम्मान को षणयंत्र कर हड़पा जाएगा तो वो सड़कों पर उतरेगा। इस लाठीचार्ज के विरूद्ध सिराथु विधायक पल्लवी पटेल ने विधानसभा का घेराव भी किया था।
नहीं मानी सरकार तो प्रदेश भर में होगा आंदोलन पल्लवी पटेल ने कहा कि हमने विधानसभा का गहराव इसीलिए किया था कि प्रदेश के मुखिया इसे देखें और इसका संज्ञान लें। हमारे जो 11 किसान जेल में बंद हैं वो कोई हार्डकोर क्रिमिनल नहीं हैं, बल्कि सभी किसान हैं। वो अपने वाजिब हक के लिए उस दिन प्रदर्शन कर रहे थे उन्हें गंभीर धाराओं में जेल में बंद करना न्यायसंगत नहीं है। ऐसे में उन्हें छोड़ा जाए अन्यथा हम पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे।
इन नेताओं ने भी उठाई मांग कांग्रेस पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि प्रधानमंत्री के क्षेत्र मे अन्नदाता किसानो का दमन और आज तक पीड़ित किसानो से न संवाद होना न घटना के जांच की पहल होना ये सिद्ध करता है कि किसानो के दमन मे सबकी स्वीकृति है। सपा के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने कहा कि आगामी विधानपरिषद सत्र मे मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर योजना से प्रभावित किसानो पर हुई दमनात्मक कार्यवाई की न्यायिक जांच हेतु आवाज उठाऊगा और जब तक माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के जज के नेतृत्व मे न्यायिक जांच का आदेश शासन नही करेगा सड़क से सदन तक संघर्ष करूगा।
ये है योजना
मोहनसराय स्थित ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर किसान आंदोलित हैं। 20 साल पहले प्रशासन की ओर से मोहनसराय के आसपास चार गांवों में ट्रांसपोर्ट नगर योजना के लिए 89 हेक्टेयर जमीन का आधिग्रहण किया गया था। शासन के अनुसार इसमें 1194 किसानों को 45 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा भी दिया जा चुका है। लेकिन फिर किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया, जिसके बाद ये योजना अधर में लटक गई।
मोहनसराय स्थित ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर किसान आंदोलित हैं। 20 साल पहले प्रशासन की ओर से मोहनसराय के आसपास चार गांवों में ट्रांसपोर्ट नगर योजना के लिए 89 हेक्टेयर जमीन का आधिग्रहण किया गया था। शासन के अनुसार इसमें 1194 किसानों को 45 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा भी दिया जा चुका है। लेकिन फिर किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया, जिसके बाद ये योजना अधर में लटक गई।