वाराणसी

Varanasi News : कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष ने ट्वीट किया दुष्कर्म पीड़िता का वीडियो, क्या होगी कार्रवाई ?

Varanasi News : सोशल मीडिया पर जब लोगों ने मजे लेने शुरू किये तो यह ट्वीट लगभग एक घंटे बाद डिलीट कर दिया गया। इस ट्वीट पर लोगों ने अजय राय से नियम और कानून की जानकारी को लेकर सवाल भी पूछे और उन्हें आड़े हाथ लिया।

वाराणसीMay 26, 2023 / 03:48 pm

SAIYED FAIZ

Varanasi News

Varanasi News : राजनीतिक उठा-पटक में कांग्रेस और भाजपा की दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है। रोज ही सोशल मीडिया दोनों ही पार्टी के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं। पर वाराणसी के रहने वाले कांग्रेस के प्रांतिय अध्यक्ष अजय राय शुक्रवार को एक ट्वीट कर फंस गए। यह ट्वीट उन्होंने प्रदेश सरकार को कानून व्यवस्था पर घेरने के लिए किया था पर अब खुद घिरे नजर आ रहे हैं। अजय राय ने फूलपुर थाने की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता का वीडियो अपने ट्विट्टर अकाउंट से जारी कर विरुद्ध जाते हुए उसकी पहचान उजागर कर दी जिसे 1 हजार से अधिक लोगों ने देखा है। फिलहाल मामले के तूल पकड़ने के बाद यह पोस्ट डिलीट कर दी गई है।
ट्रिपल इंजन पर किया हमला, अब खुद फंसे

कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने अपने ट्विटर हैंडल #kashikirai से एक 59 सेकेण्ड का वीडियो अपलोड करते हुए लिखा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय जिला वाराणसी के पिंडरा विधानसभा का यह वीडियो इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। ट्रिपल इंजन की सरकार में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।’ साथ ही एक 59 सेकेण्ड का वह वीडियो अपलोड कर दिया जो आरोपियों ने वायरल किया था। इस वीडियो को कहीं से भी ब्लर या म्यूट नहीं किया गया था जो की कोर्ट के नियमों का उल्लंघन है।
लोगों ने दी अपनी राय

दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करना आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है और भारतीय दंड संहिता (IPC) में इसके लिए दंड का प्रावधान है। इस सम्बन्ध में लोगों ने कहा कि इतने तजुर्बेदार नेता से इतनी बड़ी चूक हुई कैसे। फिलहाल अजय राय से इस सम्बन्ध में बात करने की कोशिश की गई पर बात नहीं हो सकी। वहीं इस प्रकरण में अभी तक पुलिस ने भी कोई संज्ञान नहीं लिया है।
हो सकती है दो साल की सजा

दुष्कर्म की शिकार लड़की या महिला का नाम प्रचारित-प्रकाशित करने और उसके नाम को ज्ञात बनाने से संबंधित कोई अन्य मामला आईपीसी की धारा 228 ए के तहत अपराध है। आईपीसी की धारा 376, 376ए, 376बी, 376सी, 376डी, 376जी के तहत केस की पीडिता का नाम प्रिंट या पब्लिश करने पर दो साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।

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