पहली बार ऑनलाइन देख सकते हैं देव दिवाली
गंगा सेवा निधि की ओर से पहली बार देव दीपावली वेबसाइट पर दिखाई जाएगी और वेबसाइट का शुभारंभ 15 नवंबर को ही होगा। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी है। ऐसा पहली बार होगा जब आप घर पर बैठे-बैठे या विदेश में भी बैठकर इस खूबसूरत नजारे को देख सकते हैं। वेबसाइट gangasevanidhi.in का शुभारंभ भी उसी दिन होगा। इस साल शौर्य रजत जयंती मनाई जा रही है। गंगा आरती के दौरान ‘एक संकल्प गंगा किनारे’ के तहत मां गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने, पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए एक साथ लाखों लोगों को संकल्प दिलाया जाएगा। 84 घाटों को दीयों से सजाया जाएगा
15 नवंबर के दिन 21 ब्राह्मणों द्वारा मां भगवती का वैदिक ऋतिक रिवाज से पूजन किया जाएगा। इसके बाद श्री राम जन्म योगी द्वारा शंखनाद, दुर्गा चरण और 42 कन्याओं जो रिद्धि सिद्धि के रूप में ब्राह्मणों के साथ होंगी अथवा विश्वनाथ जी के डमरू दल के 10 स्वयं सेवकों द्वारा मां भगवती की भव्य महाआरती आरंभ होगी। बता दें कि, इस साल कारगिल विजय दिवस को पूरे हो रहे 25 वर्ष के अवसर पर शौर्य की रजत जयंती के तौर पर भी मनाया जाएगा। इस दौरान वाराणसी के सभी 84 घाट को दीयों से सजाया जाएगा।
क्यों मनाते हैं देव दिवाली?
मान्यता है कि त्रिपुरासुर के अत्याचार से जब देवताओं को मुक्ति मिली थी तो उन्होंने भगवान शिव की नगरी काशी में आकर दीपोत्सव मनाया था और तब से यहां देव दिवाली मनाई जाती है। इस बार काशी की देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी।