वाराणसी. वाराणसी की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह भारतीय वायु सेना के राफेल विमान को उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बनने जा रही हैं। उन्होंने राफेल की अंबाला स्थित स्क्वाड्रन को ज्वॉइन करने की तैयारी कर ली है। भारतीय सेना ने भी इसकी पुष्टि की है।
साल 2017 में मिला कमीशन-
फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह 2017 में इंडियन एयर फोर्स के उस दूसरे महिला पायलट के बैच का हिस्सा थीं जिसे फाइटर पायलट के तौर पर कमीशन हासिल हुआ था। वाराणसी की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी इस समय ट्रेनिंग पर हैं। कुछ ही दिनों में वह गोल्डन एरो स्क्वाड्रन से औपचारिक तौर पर जुड़ जाएंगी। गौरतलब है कि साल 2016 में आईएएफ में पहली बार फाइटर पायलट के तौर पर महिलाओं को कमीशन मिला था।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह 2017 में इंडियन एयर फोर्स के उस दूसरे महिला पायलट के बैच का हिस्सा थीं जिसे फाइटर पायलट के तौर पर कमीशन हासिल हुआ था। वाराणसी की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी इस समय ट्रेनिंग पर हैं। कुछ ही दिनों में वह गोल्डन एरो स्क्वाड्रन से औपचारिक तौर पर जुड़ जाएंगी। गौरतलब है कि साल 2016 में आईएएफ में पहली बार फाइटर पायलट के तौर पर महिलाओं को कमीशन मिला था।
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फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी आईएएफ के बेस्ट फाइटर पायलट अभिनंदन के साथ मिग को उड़ा चुकी हैं। अभिनंदन ही वो विंग कमांडर हैं, जिन्होंने 27 फरवरी 2019 को एलओसी पर पाकिस्तान के फाइटर जेट एफ-16 को ढेर किया था। इसके बाद वह पाकिस्तान में जा गिरे थे और पाक ने उन्हें बंदी बना लिया था, हालांकि बाद में उन्हें बाइज्जत रिहा कर दिया गया था।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी आईएएफ के बेस्ट फाइटर पायलट अभिनंदन के साथ मिग को उड़ा चुकी हैं। अभिनंदन ही वो विंग कमांडर हैं, जिन्होंने 27 फरवरी 2019 को एलओसी पर पाकिस्तान के फाइटर जेट एफ-16 को ढेर किया था। इसके बाद वह पाकिस्तान में जा गिरे थे और पाक ने उन्हें बंदी बना लिया था, हालांकि बाद में उन्हें बाइज्जत रिहा कर दिया गया था।
ये भी पढ़ें- नए मामले आने से ज्यादा डिस्चार्ज हो रहे कोरोना मरीज, बढ़ रही रिकवरी दर, घट रहे कोरोना के मामले बचपन से था पायलट बनने का सपना-
फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी का बचपन से ही पायलट बनने का सपना था। स्कूल की पढ़ाई के बाद उन्होंने बीएचयू में एडमिशन लिया और यहां वह नेशनल कैडेट कोर के साथ जुड़ीं। 7 यूपी एयर स्क्वाड्रन का वह हिस्सा बनीं। साल 2016 में ट्रेनिंग के लिए एयरफोर्स एकेडमी पहुंची। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी आईएएफ के सबसे पुराने फाइटर जेट मिग-21 बाइसन को उड़ा चुकी हैं। इसके साथ ही वह इसके सबसे नए फाइटर जेट राफेल को भी अब उड़ाएंगी। उनकी कोर्समेट और एक और फाइटर पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रतिभा इस समय सुखोई-30 एमकेआई उड़ा रही हैं। कमीशन हासिल करने के बाद से ही फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी मिग-21 बाइसन उड़ा रही हैं। वह जिस एयरबेस से ट्रांसफर होकर अंबाला आई हैं, वहां पर ही विंग कमांडर अभिनंदन भी तैनात हैं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी अंबाला से पहले राजस्थान में पाकिस्तान बॉर्डर से सटे एयरबेस पर तैनात थीं।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी का बचपन से ही पायलट बनने का सपना था। स्कूल की पढ़ाई के बाद उन्होंने बीएचयू में एडमिशन लिया और यहां वह नेशनल कैडेट कोर के साथ जुड़ीं। 7 यूपी एयर स्क्वाड्रन का वह हिस्सा बनीं। साल 2016 में ट्रेनिंग के लिए एयरफोर्स एकेडमी पहुंची। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी आईएएफ के सबसे पुराने फाइटर जेट मिग-21 बाइसन को उड़ा चुकी हैं। इसके साथ ही वह इसके सबसे नए फाइटर जेट राफेल को भी अब उड़ाएंगी। उनकी कोर्समेट और एक और फाइटर पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रतिभा इस समय सुखोई-30 एमकेआई उड़ा रही हैं। कमीशन हासिल करने के बाद से ही फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी मिग-21 बाइसन उड़ा रही हैं। वह जिस एयरबेस से ट्रांसफर होकर अंबाला आई हैं, वहां पर ही विंग कमांडर अभिनंदन भी तैनात हैं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी अंबाला से पहले राजस्थान में पाकिस्तान बॉर्डर से सटे एयरबेस पर तैनात थीं।