वाराणसी के क्षितौनी गांव निवासी संतोष मूरत सिंह 20 साल पहले फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने मुंबई गए थे। उन्होंने नाना पाटेकर के साथ कुछ फिल्मों में काम भी किया है। बतौर तीन साल तक उन्होंने काम किया। इसके बाद जब वह मुंबई से वापस लौटे तो पता चला कि उनके पाटीदारों ने राजस्व विभाग में मृत दिखाकर धोखे से उनकी जमीन हड़प ली है। इसके बाद से संतोष खुद को जिंदा साबित करने के लिए विभाग के चक्कर काट रहे हैं।
चुनाव जीतकर खुद को साबित करना है जिंदा संतोष मूरत सिंह का कहना है कि क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने का मकसद चुनाव जीतकर खुद को जिंदा साबित करना है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के अभिलेखों में वो दो दशक से मृत हैं, जबकि चुनाव आयोग के दस्तावेज उन्हें जिंदा मानते हैं। वोटर लिस्ट में बतौर वोटर आज भी उनका नाम सूची में शामिल है। अगर वह चुनाव जीत जाते हैं, तो अपने जैसे सिस्टम के मारे लोगों की लड़ाई भी लड़कर उन्हें जिंदा साबित करने में उनकी मदद करेंगे। संतोष सिंह ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे, इसलिए भीख मांगकर पैसे जुटाए हैं। इसके बाद क्षेत्र पंचायत चुनाव सदस्य के लिए नामांकन पत्र भरा है।