पीडीएस घोटाले में सुर्खियों में आया था भानवी का नाम
आमतौर पर सुर्ख़ियों से दूर रहने वाली भानवी अपने दो बेटों और बेटियों को लखनऊ के महंगे विद्यालयों में शिक्षा दिलवा रही हैं। भानवी का नाम उस वक्त सुर्ख़ियों में आया था जब राजा भैया के पूर्व पीआरओ ने उनका नाम यूपी के बहुचर्चित पीडीएस घोटाले में ले लिया था, जिसकी जांच सीबीआई कर रही थी भानवी और राजा भैया के साथ साथ तीन अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी के एक अन्य गंभीर मामले में 2013 में लखनऊ के अलीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
फर्जीवाड़े की वो घटना जिसमें भानवी कुमारी सिंह के खिलाफ मामला चल रहा है अखिलेश यादव के सत्ता में आने के बाद बेहद सुर्ख़ियों में रही थी। राजा भैया के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी राजीव कुमार यादव ने डीएसपी जिया उल हक़ हत्याकांड के तत्काल बाद भानवी और राजा भैया पर धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया था। इस मामले में मुकदमा भी दर्ज हुआ था। घटना के सम्बन्ध में समाजवादी का आरोप था कि राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उसके नाम से एक खाता खुलवाया था, इस काम में इन दोनों ने ड्राइवर रोहित और उसकी पत्नी मोनिका के अलावा एक बैंक के मैनेजर की मदद ली थी। राजीव का आरोप था कि इसके पहले जब उसने राजा भैया का साथ छोड़ा तो भानवी ने उसका फर्जी सिग्नेचर करके उसके बैंक खाते से पैसे निकलवा लिए। महत्वपूर्ण है कि भानवी के निजी बैंक में सलाहकार भी थी।
2011 में धोखाधड़ी के मामले में लगे थे गंभीर आरोप
धोखाधड़ी के इस आरोप के पहले अप्रैल 2011 में भी भानवी पर गंभीर आरोप लगे थे। राजीव कुमार यादव ने ही सीबीआई को एक डायरी सौंपी थी जिसमे यूपी में 2003-07 के बीच पीडीएस स्कीम में हुए तक़रीबन 100 करोड़ के घोटालों को लेकर कथित तौर पर चौकाने वाले सुबूत थे। राजीव का दावा था कि पीडीएस में दो नंबर की रकम मैं सीधे भानवी कुमारी तक पहुंचाता था ,यहाँ तक की भानवी ही सारा रिकार्ड मेंटेन करती थी और दो नंबर के रकम का सारे लेन देन पर उनके ही काउंटर साइन हुआ करते थे। राजीव का आरोप था कि यह डायरी यूपी सचिवालय में उस वक्त बनाई गई थी जब पीडीएस के धन की बड़े पैमाने पर बन्दर बाँट की जा रही थी, उस वक्त खाद्य मंत्रालय राजा भैया के ही पास था।