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वाराणसी

Tokyo Olympic 2020: टोक्यो ओलम्पिक में चमका वाराणसी का लाल ललित उपाध्याय, कभी पिता चलाते थे छोटी सी कपड़े की दुकान

Tokyo Olympic 2020: पीलीभीत के सिमरनजीत सिंह ने भी दागे दो गोल। दोनों खिलाड़ियों के घरेां में मना जश्न, बांटी गई मिठाइयां।

वाराणसीAug 05, 2021 / 08:35 pm

रफतउद्दीन फरीद

hockey player lalit upadhyay story

हाॅॅकी प्लेयर ललित उपाध्याय

पत्रिका न्यूज नेटवर्क, वाराणसी. Tokyo Olympic 2020: टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हाॅकी टीम ने चार दशक बाद इतिहास रचते हुए प्ले ऑफ मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक पर कब्जा जमाया है। इसमें यूपी के भी दो खिलाड़ी चमके हैं। जहां वाराणसी के फारवर्ड मिडफिल्डर ललित उपाध्याय की इस जीत में अहम भूमिका रही वहीं पीलीभीत के सिमरनजीत सिंह ने दो गाल दागे और तीसरा पैनल्टी काॅर्नर बनाया जिसे साथियों ने गोल में बदल दिया। इस तरह 41 साल बाद भारतीय टीम एक बार फिर ओलंपिक में हाॅकी में पदक लाने में कामयाब रही।

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जीत के बाद एक तरफ जहां वाराणसी में ललित के गांव में जश्न का माहौल है और मिठाइयां बांटी जा रही हैं तो पीलीभीत में सिमरनजीत के घर लोगों ने भंगड़ा कर खुशी का इजहार किया। ललित के पिता सतीश मिश्रा ने इस जीत को बाबा का आशीर्वाद बताते हुए कहा कि टीम व बेटे पर भरोसा था। उन्हें अंतरआत्मा से जीत की खुशी है। उनके कोच परमानंद मिश्रा ने कहा कि ललित जुझारू रहा है और वह लक्ष्य से कभी नहीं भटकता, जो ठानता है उसे करके ही मानता है। बताया कि 25 साल बाद वाराणसी से दूसरा प्लेयर भारतीय पुरुष हॉकी टीम में खेला है। उधर सिमरनजीत सिंह के पिता इकबाल सिंह ने इसे देशवासियों की दुआओं का असर बताया। कहा कि भारतीय टीम बहुत अच्छा खेली। पूरे आयोजन में सिर्फ दो मैच हारी, बाकी में बेहतरीन विजय मिली। सिमरनजीत सिंह यूं तो मूलत: पंजाब प्रांत के बटाला के रहने वाले हैं, पर अब उनका परिवार उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में रहता है।

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ललित उपाध्याय वाराणसी के शिवपुर क्षेत्र के छोटे से गांव भगतापुर के एक अति मध्यम परिवार से आगे आए हैं। ललित के पिता ने छोटी सी कपड़े की दुकान चलाकर बेटों के सपनों को जिंदा रखा और उन्हें सच होते देख रहे हैं। दो भाइयों में ललित छोटे हैं और भारत पेट्रोलियम में अफसर हैं। बड़ा भाई भी हाॅकी प्लेयर है। गांव के बच्चों को हाॅकी खेलता देख प्रभावित हुए ललित के हाथ में पिता ने जब हाॅकी पकड़ाई तो ललित ने पगडंडियों से ओलंपिक तक का सफर बड़ी ही जद्दोजेहद से तय किया। यूपी काॅलेज में साई के कोच परमानंद मिश्रा ने हाॅकी का ककहरा सिखाया, जिसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनका चयन 2018 में राष्ट्रीय हाॅकी टीम में हुआ। ललित अब तक 200 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। काॅमनवेल्थ, एशियन और वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी अपने जौहर दिखाए हैं।

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