scriptआज ही के दिन शत्रु के चंगुल में फंसे थे आजाद हिंद फौज के पहले शहीद वीर दुर्गा मल्ल गोरखा | This day were caught Martyr Veer Durga Malla Gorkha | Patrika News
वाराणसी

आज ही के दिन शत्रु के चंगुल में फंसे थे आजाद हिंद फौज के पहले शहीद वीर दुर्गा मल्ल गोरखा

इनकी वीरता को देख सुभाष चन्द्र बोस भी रह गए थे दंग, नेताजी ने मल्ल को बनाया था गुप्तचर विभाग का कप्तान

वाराणसीMar 27, 2016 / 04:18 pm

Ashish Shukla

azad hind fauz

azad hind fauz

ज्योति गुप्ता
वाराणसी. कदम कदम बढाये जा… आजाद हिन्द फौज का यह प्रयाण गीत वीरों की जुबान पर एेसे ही नहीं रहता है। देश के वीर सपूतों में एक नाम वीर दुर्गा मल्ल गोरखा का भी है, जो देश की आजादी के लिए आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए थे। यहां वीर दुर्गा मल्ल गोरखा की बात इसलिए कि 27 मार्च 1944 को देश का यह वीर सपूत दुश्मनों के घेरे में फंस गया था। ये आजाद हिंद फौज के पहले युद्ध बंदी थे। बाद में इनपर मुकदमा चला और फांसी दे दी गई।

उत्तराखंड के डोईवाला में जन्मे दुर्गा मल्ल गोरखा भारत को आजाद कराने के आह्वान पर आजाद हिन्द फौज में शामिल हो गए। इनकी कार्य कुशलता देखकर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने इन्हें गुप्तचर विभाग का कार्य भार सौंपकर कप्तान बनाया। बाद में उन्हें विशेष अभियान के लिए भारत-बर्मा सीमा पर नियुक्त किया। मणिपुर के उखरूल नामक स्थान पर 27 मार्च, 1944 के दिन मेजर दुर्गा मल्ल शत्रु के घेरे में फंस गए। दुर्गा को युद्धबन्दी के रूप में दिल्ली में लालकिले के बन्दीगृह में रखा गया। इनके विरुद्ध सैनिक अदालत में मुकदमा चलाया गया। 25 अगस्त, 1944 को दुर्गा मल्ल को फांसी दी गई। और इस तरह उन्हें आजाद हिन्द फौज के प्रथम शहीद होने का गौरव प्राप्त हुआ।

Hindi News / Varanasi / आज ही के दिन शत्रु के चंगुल में फंसे थे आजाद हिंद फौज के पहले शहीद वीर दुर्गा मल्ल गोरखा

ट्रेंडिंग वीडियो