सभी कागजात पूरे होने के बाद भी रुकी थी फाइल
वाराणसी के भुलेटन चौक निवासी कुलदीप कुमार बरनवाल ने उपखंड कार्यालय लेढूपुर में नए कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। फाइल के बाद उसने विभाग की ओर से मांगे गए दस्तावेज भी उपलब्ध कराए और सर्वे भी कराया। इसके बाद कार्यालय पहुंचा तो एसडीओ के लिपिक बृजेश कुमार ने फाइल को आगे बढ़ाने से मना कर दिया।उसने नए कनेक्शन का एप्रूवल रिपोर्ट बनाने और फाइल को अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए 10 हजार रुपये मांगे। बृजेश ने सरकार की ओर से कनेक्शन फ्री देने की बात भी कही लेकिन लिपिक ने एक भी नहीं सुनी।क्लर्क ने मांगे 15 हजार, 10 हजार में तय हुई बात
जेई ने आपत्ति हटाने और एप्रूवल के लिए लिपिक बृजेश कुमार से मिलने का निर्देश दिया। कुलदीप बरनवाल से लिपिक ने 12717 रुपए फीस और 15 हजार रुपए रिश्वत मांगी, जिसके बाद ही फाइल आगे बढ़ाने की बात कही। दोनों के बीच चर्चा के बाद 10 हजार रुपए में बात तय हुई, 26 तारीख को रुपये लेकर 12 बजे लेढूपुर आफिस में बुलाया। उधर, पीड़ित ने एंटी करप्शन के आफिस में जाकर मामले की शिकायत दर्ज कराई और पूरा घटनाक्रम बताया। इसके बाद इंस्पेक्टर मैनेजर सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर नीरज सिंह और राकेश सिंह समेत 10 लोगों की टीम बनाई गई जो 11 बजे लेढूपुर आफिस पहुंच गई ।
कुलदीप भी कुछ देर बाद एसडीओ आफिस लेढूपुर पहुंच गया और लिपिक से जाकर मिला। उसने लिपिक को 10 हजार रुपये थमाएं, वहीं अंदर आए अधिकारियों ने लिपिक बृजेश कुमार को दबोच लिया। उसने भागने का प्रयास किया लेकिन हिरासत में लेकर सारनाथ थाने लगाया गया और केस दर्ज कर कोर्ट पेश किया। उसके पास से मिले रुपए और हाथ धुलवाए गए पानी को सील कर दिया गया है।