बीएसएफ में शामिल रहे तेज बहादुर यादव उस समय सुर्खियों में आये थे जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था जिसमे तेज बहादुर यादव ने दिखाया था कि जम्मू कश्मीर में तैनाती के दौरान बीएसएफ जवानों को अच्छा खाना नहीं मिलता है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीएसएफ ने इस मामले में जांच बैठायी थी और तेज बहादुर यादव को दोषी मानते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद तेज बहादुर यादव दूसरी बार सुर्खियों में तब आये थे जब उन्होंने बनारस संसदीय सीट से पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे का ऐलान किया था। बनारस आकर तेज बहादुर यादव ने नामांकन दाखिल किया था। सपा ने पहले इस सीट से शालिनी यादव को प्रत्याशी बनाया था बाद में अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के तहत तेज बहादुर यादव को पार्टी का सिंबल दे दिया था। हालांकि तकनीकी कारणों से तेज बहादुर यादव का नामांकन निरस्त हो गया था इसके बाद भी वह बनारस में रह कर सपा की अधिकृत प्रत्याशी शालिनी यादव के पक्ष में चुनाव प्रचार किये थे।
यह भी पढ़े:-#KeyToSuccess दुनिया के एकमात्र वकील जो संस्कृत भाषा में 41 साल से लड़ रहे मुकदमा, विरोधियों के पास नहीं होता जवाब
यह भी पढ़े:-#KeyToSuccess दुनिया के एकमात्र वकील जो संस्कृत भाषा में 41 साल से लड़ रहे मुकदमा, विरोधियों के पास नहीं होता जवाब
बनारस के कैंट थाने में दर्ज हुआ था पहला मुकदमा
तेज बहादुर यादव का जब नामांकन निरस्त हुआ था तो उस समय समर्थकों ने कलेक्ट्रेट परिसर में हंगामा किया था जिसके चलते बनारस के कैंट थाने में पहली बार तेज बहादुर यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि तेज बहादुर यादव ने दर्ज मुकदमे के आधार पर खुद ही न्यायालय में सरेंडर के लिए अर्जी दी थी जहां से उन्हें जमानत मिल गयी थी। मतदान के पहले तेज बहादुर यादव ने बनारस छोड़ दिया था इसके बाद वह बनारस नहीं आये थे लेकिन उन्होंने बनारस में ही कहा था कि पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा। इसके बाद तेज बहादुर यादव ने हरियाणा विधानसभा चुनाव लडऩे का ऐलान किया है और वह वर्तमान मुख्यमंत्री व बीजेपी उम्मीदवार मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लडऩे जा रहे हैं।
यह भी पढ़े:-पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर के बाद अखिलेश यादव के प्लान का हुआ खुलासा, बसपा में मचा हड़कंप
तेज बहादुर यादव का जब नामांकन निरस्त हुआ था तो उस समय समर्थकों ने कलेक्ट्रेट परिसर में हंगामा किया था जिसके चलते बनारस के कैंट थाने में पहली बार तेज बहादुर यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि तेज बहादुर यादव ने दर्ज मुकदमे के आधार पर खुद ही न्यायालय में सरेंडर के लिए अर्जी दी थी जहां से उन्हें जमानत मिल गयी थी। मतदान के पहले तेज बहादुर यादव ने बनारस छोड़ दिया था इसके बाद वह बनारस नहीं आये थे लेकिन उन्होंने बनारस में ही कहा था कि पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा। इसके बाद तेज बहादुर यादव ने हरियाणा विधानसभा चुनाव लडऩे का ऐलान किया है और वह वर्तमान मुख्यमंत्री व बीजेपी उम्मीदवार मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लडऩे जा रहे हैं।
यह भी पढ़े:-पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर के बाद अखिलेश यादव के प्लान का हुआ खुलासा, बसपा में मचा हड़कंप
तेज बहादुर यादव ने कहा था कि बनारस से चुनाव नहीं लडऩे पर बीजेपी ने की थी 50 करोड़ देने की पेशकेश
तेज बहादुर यादव ने बनारस में रहने के दौरान कई बयान दिये थे। एक बयान में उन्होंने कहा था कि बनारस संसदीय सीट से चुनाव नहीं लडऩे पर बीजेपी ने ५० करोड़ देने की पेशकेश थी। तेज बहादुर यादव ने कहा था कि चुनाव नहीं लडऩे के लिए मेरे उपर बहुत दबाव बनाया गया था इसके बाद भी मैने चुनाव लडऩे का ऐलान किया था। मीडिया ने जब तेज बहादुर यादव से पूछा था कि बीजेपी के किस नेता ने उन्हें पैसे देने का ऑफर किया था तो उन्होंने नाम नहीं बताया था और यह तक कहा था कि यदि नाम सामने आ गया तो मेरी हत्या हो सकती है।
यह भी पढ़े:-सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंकने में सपा कार्यकर्ता झुलसा, देखे वीडियो
तेज बहादुर यादव ने बनारस में रहने के दौरान कई बयान दिये थे। एक बयान में उन्होंने कहा था कि बनारस संसदीय सीट से चुनाव नहीं लडऩे पर बीजेपी ने ५० करोड़ देने की पेशकेश थी। तेज बहादुर यादव ने कहा था कि चुनाव नहीं लडऩे के लिए मेरे उपर बहुत दबाव बनाया गया था इसके बाद भी मैने चुनाव लडऩे का ऐलान किया था। मीडिया ने जब तेज बहादुर यादव से पूछा था कि बीजेपी के किस नेता ने उन्हें पैसे देने का ऑफर किया था तो उन्होंने नाम नहीं बताया था और यह तक कहा था कि यदि नाम सामने आ गया तो मेरी हत्या हो सकती है।
यह भी पढ़े:-सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंकने में सपा कार्यकर्ता झुलसा, देखे वीडियो