पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे का ऐलान करने वाले तेज बहादुर यादव ने लोकसभा चुनाव २०१९ में वाराणसी संसदीय सीट से निर्दल व अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन प्रत्याशी के रुप में नामांकन किया था। दो नामांकन करने के चलते निर्दल प्रत्याशी के रुप में पहले एक नामांकन निरस्त हुआ था। इसके बाद चुनाव आयोग ने तेज बहादुर यादव को नोटिस देकर जवाब मांगा था। नोटिस में कहा गया था कि बर्खास्तगी के समय दो नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी दी गयी थी इस पर बीएसएफ से अनपत्ति प्रमाण पत्र लाने को कहा गया था। तेज बहादुर यादव ने दावा किया था कि उसने एक मई को सुबह 11 बजे तक अपना जवाब दे दिया था। सूत्रों की माने तो चुनाव आयेग इस जवाब से संतुष्ट नहीं था इसलिए तेज बहादुर यादव का नामांकन निरस्त कर दिया गया है। अब तेज बहादुर यादव लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। इस बात की अधिकृत सूचना का इंतजार किया जा रहा है।
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हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने की है तैयारी
तेज बहादुर यादव ने पहले ही बीजेपी पर आरेप लगाया था कि उसे चुनाव लडऩे से रोकने के लिए सारे हथकंड़े अपनाये जा रहे थे। तेज बाहदुर यादव ने नामांकन निरस्त होने पर हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात कही थी।
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