बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने वाराणसी संसदीय सीट से दो नामांकन किया था। पहला नामांकन निर्दल प्रत्याशी के तौन पर किया था जबकि दूसरा नामांकन अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन प्रत्याशी के रुप में था। नामांकन पत्रों की जांच के बाद चुनाव आयोग ने निर्दल प्रत्याशी वाला नामांकन निरस्त कर दिया था और दूसरे नामांकन को लेकर तेज बहादुर यादव को अपना पक्ष रखने के लिए १ मई सुबह ११ बजे तक का समय दिया गया था। जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने तेज बहादुर यादव को दो नोटिस दी थी। कहा गया था कि बीएसएफ से बर्खास्तगी के संबंध में दो नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी दी गयी है। जिसके बाबत २४ घंटे में बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा गया था। बीएसएफ के प्रमाण पत्र से ही स्पष्ट हो पायेगा कि नौकरी से किस वजह से निकाला गया था। इसी बाबत प्रमाण पत्र देने को कहा गया था। तेज बहादुर यादव नोटिस का जवाब दे रहे हैं। चुनाव आयोग उनके जवाब पर अपना क्या निर्णय देता है इस पर सभी की निगाहे लगी हुई है।
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