वाराणसी

Varanasi News: डेंगू और रहस्यमई बुखार से जूझ रहे हैं लोग, संस्था कर रही लोगों को जागरूक

प्रदेश में डेंगू और वायरल बुखार का प्रकोप जारी है। इसी कड़ी में आज सुबह ए बनारस क्लब ने डेंगू और रहस्यमई बुखार से बचने के लिए लोगों को जागरुक किया।

वाराणसीSep 25, 2023 / 12:37 pm

Anand Shukla

सुबह ए बनारस क्लब ने डेंगू और रहस्यमई बुखार से बचने के लिए लोगों को जागरुक किया।

Varanasi News: वाराणसी में लगातार डेंगू का प्रकोप जारी है। ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है । इसी बीच सामाजिक संस्थाएं जागरूकता अभियान चला रहीं है। इसी क्रम के सुबह ए बनारस क्लब ने भैरवनाथ स्थित वल्लभ विद्यापीठ बालिका इंटरमीडिएट कालेज परिसर में छात्राओं को डेंगू से बचने के लिए जागरूक किया और उन्हें और लोगों को जागरूक करने के लिए भी प्रेरित किया । इस दौरान उन्हें मच्छर जनित बीमारियों के बारे में भी बताया गया ।
लापरवाही साबित होगी जानलेवा
इस दौरान मौजूद लक्ष्मी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ अशोक कुमार राय ने कहा कि हर वर्ष देश के कई हिस्सों में जुलाई से अक्टूबर के बीच डेंगू तेजी से फैलता है। इस साल भी डेंगू,वायरल फीवर और विगत एक माह से फैले एक रहस्यमयी बुखार के संकट से जूझ रहा है काशी। यह बुखार इतना वायरल है,कि शायद ही उत्तर प्रदेश का कोई ऐसा घर हो जिसमें एक रोगी पीड़ित ना निकले लोग जूझ रहे हैं, कुछ ठीक भी हो रहे हैं, कुछ रोग की अज्ञानता में कोलैप्स भी कर जा रहे हैं।
मादा एडीज है डेंगू का कारक
बता दें कि डेंगू के फीवर ने बहुत तेजी से अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है। मरीजों की तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। डेंगू में लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। मादा एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर गंदगी में नही बल्कि साफ जगह पर पनपते हैं। जो लोग साफ-सुथरी जगह पर रहते हैं उन्हें डेंगू का खतरा ज्यादा होता है। डेंगू के मच्छर का खतरा ज्यादातर दिन में रहता है। जिस भी व्यक्ति के खून में डेंगू वायरस होता है उसे काटने से मच्छर संक्रमित हो जाता है फिर यह मच्छर जिन लोगों को काटता है। उन्हें डेंगू होने का खतरा रहता है।
ऐसे करें खुद को सुरक्षित
डॉक्टर ने छात्रों को जागरूक करते हुए कहा कि सुरक्षा के दृष्टि से पुरी बांह और पैर ढकने वाले कपड़े पहने, मच्छरदानी का प्रयोग करें, अपने आसपास घरों में कहीं भी पानी एकत्रित न होने दे, खाली डिब्बा या पुराने गमले को हटा दे, इसमें पानी जमा हो सकता है। खास करके मानसून के मौसम में कूलर, खुले नालो, छोटे तालाबों एवं पानी इकट्ठा होने के अन्य स्थानों पर मिट्टी के तेल की कुछ बूंदे डाल दे, इस मौसमी गंभीर बीमारी को गंभीरता पूर्वक लेना जरूरी है। क्योंकि इस गंभीर जानलेवा बीमारी के जद में जो भी मरीज आ रहे हैं उनमे जान माल का खतरा प्लेटलेट्स कम होने की वजह से ज्यादा बनता हैं। लक्षण दिखने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंन्द्रो पर संपर्क करें।

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